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शनिवार, 17 जुलाई 2010

ज़रा पी-पी बजा दो…!

हंसना ज़रूरी है,  क्यूंकि …..

एक मुस्कान ही शांति की शुरुआत है!

--- मदर टेरेसा

हंसे मुस्कुराएं, शांति फैलाएं!!

ज़रा पी-पी बजा दो…!

खदेरन की पत्नी फुलमतिया ने एक दिन बाज़ार में हाथ दिखा कर बस रोकी।

 

बस के ड्राइवर ने पूछा, “कहां जाना है?”

 

फुलमतिया बोली, “जाना तो कहीं नहीं है!”

 

ड्राइवर चकित हो पूछा, “फिर बस क्यों रोकी?”

 

फुलमतिया ने कहा, “बच्चा रो रहा है। …. ज़रा पी-पी बजा दो!”

24 टिप्‍पणियां:

  1. बजाय कि नहीं..वरना उड़न तश्तरी से बजायें??

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  2. फुलमतिया बोली, “जाना तो कहीं नहीं है!”


    ड्राइवर चकित हो पूछा, “फिर बस क्यों रोकी?”


    फुलमतिया ने कहा, “बच्चा रो रहा है। …. ज़रा पी-पी बजा दो!”



    ha..ha..ha.....

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  3. गजब का पीं पीं था ............हा हा हा हा हा हा

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  4. बहुत मज़ा आया पढ़ कर!!!
    वाह! वाह!

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