खदेरन नेट पर बैठकर अपने सभी रिश्तेदारों और जानपहचान के लोगों को मेल कर के उठा कि उसकी नज़र फाटक बाबू पर पड़ी।
फाटक बाबू ने पूछा, “क्या हो रहा था खदेरन?”
खदेरन ने बताया,“फाटक बाबू, एक ठो ब्लॉग देख रहे थे, ‘विचार’ (http://www.testmanojiofs.com/)। उस पर गांधी जी के बारे में बड़ा सुन्दर और जानकारी वाला लेख आता है।”
फाटक बाबू ने सहमति जताते हुए कहा, “हां, ठीक कह रहे हो, हमने भी देखा है।”
खदेरन बोला,“हम तो उसको पढ़ के काफ़ी प्रभावित हुए हैं, सिर्फ़ प्रभावित ही नहीं, अब तो हमने गांधी जी का फोटो कलेक्ट करना शुरु कर दिया है। इसी लिए अपने सभी जानपहचान वाले को मेल कर निवेदन रहे थे कि उनके पास 10, 20, 50, 100, 500 औए 1000 के जो भी नोट हैं, वे हमे भेज दें। फाटक बाबू आप भी इस काम में मेरी मदद कीजिए।”