दुश्मन
खदेरन ने अपने बेटे भगावन से कहा, “देख भगावन! बड़े-बुजुर्ग कह गए हैं, और यह सौ-फ़ीसदी सही है कि कभी किसी का दुश्मन नहीं बनना चाहिए।”
भगावन ने पिता की बात ध्यान से सुनी और बोला, “पर पापा मेरी तो किसी से दुश्मनी नहीं है, ... लेकिन मेरी टीचर मिस गुनगुनिया कहती हैं कि मैं अक़ल का दुश्मन हूं।”
हाहहाहा
जवाब देंहटाएंबढिया
fir to jindgi jang waaaa bhagnvaaaaaaaa. ch.ch.ch.
जवाब देंहटाएंसही बात है..
जवाब देंहटाएंबेटा बाप पर गया है!!
जवाब देंहटाएंशानदार वापसी का जोरदार स्वागत ।।।। अज्ञानी टिचर भरती कर रखे हैं सरकार ने। शिक्षा विभाग की पोल खोलने वाली पोस्ट पर धन्यवाद ..हाहहाहाहा
जवाब देंहटाएंगुनगुनिया को भी एजुकेट करना बनता है
जवाब देंहटाएं:):)
जवाब देंहटाएंहास्य वर्षा जी,
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम |
भारत में वेवकूफ /निठल्ले /न पढ़ाने योग्य शिक्षकों कि बड़ी संख्या हैं |हास्य के माध्यम से करार प्रहार |
nice
जवाब देंहटाएंजिनमें स्थितिओं को बदलने का साहस नहीं होता उन्हें स्थितिओं को सहना पड़ता है. ....Waah !!!!
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जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर हसी आई
जवाब देंहटाएंहास्य फुहार की कमी है भई , कहाँ हैं आप ! :)
जवाब देंहटाएंआपका ब्लॉग मुझे काफी अच्छा लगा। आपको शुभकामनाये।
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंसही बात है !!
जवाब देंहटाएंNamste sir... thoda a huns lu.
जवाब देंहटाएंValentine Day Gifts for Husband
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