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शनिवार, 3 नवंबर 2012

दुश्मन

दुश्मन

खदेरन ने अपने बेटे भगावन से कहा, “देख भगावन! बड़े-बुजुर्ग कह गए हैं, और यह सौ-फ़ीसदी सही है कि कभी किसी का दुश्मन नहीं बनना चाहिए।”

भगावन ने पिता की बात ध्यान से सुनी और बोला, “पर पापा मेरी तो किसी से दुश्मनी नहीं है, ... लेकिन मेरी टीचर मिस गुनगुनिया कहती हैं कि मैं अक़ल का दुश्मन हूं।”

20 टिप्‍पणियां:

  1. शानदार वापसी का जोरदार स्वागत ।।।। अज्ञानी टिचर भरती कर रखे हैं सरकार ने। शिक्षा विभाग की पोल खोलने वाली पोस्ट पर धन्यवाद ..हाहहाहाहा

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  2. हास्य वर्षा जी,
    सादर प्रणाम |
    भारत में वेवकूफ /निठल्ले /न पढ़ाने योग्य शिक्षकों कि बड़ी संख्या हैं |हास्य के माध्यम से करार प्रहार |

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  3. जिनमें स्थितिओं को बदलने का साहस नहीं होता उन्हें स्थितिओं को सहना पड़ता है. ....Waah !!!!

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  4. हास्य फुहार की कमी है भई , कहाँ हैं आप ! :)

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  6. आपका ब्लॉग मुझे काफी अच्छा लगा। आपको शुभकामनाये।

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