खदेरन बहुत बीमार था। फुलमतिया जी उसे डॉक्टर के पा ले गईं।
डॉक्टर जियावन सिंह ने गहन जांच पड़ताल के बाद नुस्खे थमाते हुए फुलमतिया जी से कहा, “आपके पति की हालत ठीक नहीं है।”
“जी!”
“उन्हें पौष्टिक भोजन देना”
“जी!”
“उनके सामने हमेशा अच्छे मूड में रहिएगा।”
“जी!”
“उनसे अपनी समस्याओं की चर्चा कभी नहीं कीजिएगा।”
“जी!”
“सास बहू टाइप की टीवी सीरियल मत चलाइगा।”
“जी!”
“नए कपड़े और गहने की मांग तो भूलकर भी नहीं कीजिएगा।”
“जी!”
“यदि ऐसा आप साल भर करती हैं, तो आपके पति के ठीक होने के आसार हैं।”
फुलमतिया जी जब खदेरन को लेकर घर पहुंची तो खदेरन ने पूछा, “आपसे अकेले में डॉक्टर ने काफ़ी देर तक बात की। क्या कहा?”
फुलमतिया जी ने जवाब दिया, “आपके बचने की उम्मीद बहुत कम है!”
हा हा हा..
जवाब देंहटाएंha ha ha............
जवाब देंहटाएंSundar....
जवाब देंहटाएंनहीं ऐसा कभी नहीं होता!पत्नी है,तो चाहे जो कह लेंगे ?
जवाब देंहटाएंयहां फुलमातिया के बदले खदेरन होता तो बहुत मजा आता ??????????
जवाब देंहटाएंहा हा हा बढ़िया मज़ेदार प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंसारे इलाज पर पानी फेर दिया...हा हा हा हा..
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