फाटक बाबू के घर आया मेहमान जाने का नाम नहीं ले रहा था। वो जाए कैसे फाटक बाबू को कोई तरकीब सूझ ही नहीं रही थी।
एक दिन तंग आकर फाटक बाबू उससे बोले, “आपको अपने बीवी बच्चों की याद नहीं आती?”
मेहमान ने मुस्कुराते हुए कहा, “सच, फाटक बाबू बहुत याद आती है। कहिए तो बुला लूं सबको।”
अब तो बुला ही लें।
जवाब देंहटाएंये तो मेहमान भगाने का सबसे खतरनाक तरीका है कुछ और उपाय करना होगा |
जवाब देंहटाएंऐसों की मेहमाननवाज़ी का मौका खुले हुए फाटक बाबू को ही मिलता है. बढ़िया है.
जवाब देंहटाएंकरारा.
जवाब देंहटाएंhahahahha....waha bahut khub
जवाब देंहटाएंहा हा हा ! बढ़िया है ।
जवाब देंहटाएंवाह। बेहतर।
जवाब देंहटाएंहा हा हा ……फ़ाटक बाबू मेहमान से निज़ात पा घर का फ़ाटक बंद करना चाह रहे थे उन्हे क्या पता था नहले पे दहला मारने वाल मेहमान है……हा हा हा हा।
जवाब देंहटाएंअथिति तुम कब जाओगे ? एक शाश्वत प्रश्न है........एक गंभीर समस्या है !!
जवाब देंहटाएंअतिथि देवो भव...
जवाब देंहटाएंअहा!
जवाब देंहटाएंफाटक बाबू अब क्या करेंगे?
मजेदार।
जवाब देंहटाएंhaa haa!!
जवाब देंहटाएंबहुत मजेदार
जवाब देंहटाएंkya bat hai chhoti si baat badi si fuhaar
जवाब देंहटाएंmadhu tripathiMM
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