किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो, अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।
एक दिन खदेरन का बेटा भगावन फाटक बाबू से पूछ बैठा, “अंकल आपके सिर के बाल सफेद और मूछें बिल्कुल काली हैं, ऐसा क्यों?”
फाटक बाबू ने जवाब दिया, “बेटा मेरी मूछें सिर के बालों से 15-20 साल छोटी हैं ना, इसलिए।”
क्या लिहाज है बड़ों का!!मेरी मूंछें तो बिना लिहाज किये बालों से पहले सफ़ेद हो गयी थीं!!
हा हा हा ... यह भी खूब रही !इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - किसी अपने के कंधे से कम नहीं कागज का साथ - ब्लॉग बुलेटिन
हा हा हा हा..
मूछें छोटी हैं सो जवान हैं । वाह वाह ।
हा हा हा हा....
क्या लिहाज है बड़ों का!!मेरी मूंछें तो बिना लिहाज किये बालों से पहले सफ़ेद हो गयी थीं!!
जवाब देंहटाएंहा हा हा ... यह भी खूब रही !
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जवाब देंहटाएंमूछें छोटी हैं सो जवान हैं । वाह वाह ।
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