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मंगलवार, 5 जून 2012

दुखी खदेरन

2cftis_th.jpgउस दिन खदेरन बहुत दुखी था। हर तरफ़ से निराशा उसके हाथ लगी थी। निराशा की पराकाष्ठा की स्थिति में उसके मुंह से निकला, “ऐसी ज़िन्दगी से तो मौत अच्छी।”

अचानक वहां यमदूत प्रकट हुआ और अट्टहास करने लगा, “हा-हा-हा-हा…”

खदेरन ने उसकी ओर देखा और पूछा, “तुम कौन और क्या लेने आए हो?”

“मैं यम दूत और तुम्हारी जान लेने आया हूं।”

“क्यों?”

“अभी तो तुमने कहा था ‘ऐसी ज़िन्दगी से तो मौत अच्छी’ …।”

“लो कर लो बात! अब दुखी आदमी मज़ाक़ भी नहीं कर सकता।”

8 टिप्‍पणियां:

  1. सच कहा आपने, दुखी आदमी तो कुछ भी कर सकता है।

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  2. दुःख में मजाक भी न कर सके तो वैसे ही मर जाएंगे .. हा हा ...

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  3. खुद गाओ खुद ही सुनो, नहीं बजाओ साज।
    गर मज़ाक दुख में किया, धमकाये यमराज॥

    :))))))
    सादर...

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  4. शायद दु:खी आदमी को मजाक मजाक नहीं होता ..
    बढ़िया हास्यफुहार

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  5. बड़ा ही सीरियस मज़ाक था. बाल-बाल बचा खदेरन.

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