किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो, अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।
चोर चाकू दिखाते हुए यात्री से, “अबे, तेरे पैसे निकाल।”
आदमी, “अबे तू जानता है मैं कौन हूं?”
“कौन?”
“मैं नेता हूं।”
चोर, “अच्छा! तो फिर मेरे पैसे निकाल …!”
हा हा हा हा..
हा हा हा हा हा ... यह भी खूब रही !इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - रुपये की औकात बता दी योजना आयोग ने - ब्लॉग बुलेटिन
बहुत ही बढ़िया.
एकदम सही जा रहा हे ये उचक्का
नेता का जवाब , पैसे तो स्विस बैंक में जमा है !
सही कहा. स्मार्ट नेता.
हा हा हा हा..
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बहुत ही बढ़िया.
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जवाब देंहटाएंनेता का जवाब , पैसे तो स्विस बैंक में जमा है !
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