किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो, अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।
दिल मे छुपा के प्यार का तूफ़ान ले चलेहम आज अपनी मौत का सामान ले चले
CWG का Auditor On Duty.
KYA KISMAT HAI MAINE PAEE.AAJ CHABHEE JO HATH AAEE............HA HA HA HA ......
nice
jnaab shirshk kaa kyaa khen lekin fir bhi koshish he , aaja meri gaadi men beth jaa .. akhtar khan akela kota rajsthan
चलानी हो जो कार, गधों से कुत्ते बेहतर,जो चलानी सरकार, कुत्तों से, गधे बेहतर ...
हमें भी हीरो मानो।
अरे !! यारों मैं तो साहब बन गया साहब बन के कैसा तन गया :) :)
aaja meri car me bith ja
आज मैं आगे ज़माना है पीछे!बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।बदलते परिवेश में अनुवादकों की भूमिका, मनोज कुमार,की प्रस्तुति राजभाषा हिन्दी पर, पधारें
:) :) हम किसी से कम नहीं
हम तो चले परदेश, हम परदेसी हो गए!
गुमशुदा कोई हुआ ...!
एगो हमरा भी दअर्ज कर लिया जाए...Objects in the mirror are closer than they appear,मगर एक भी हाथ में आती नहीं है!
1000 शब्दों पर भारी है।
आपने यह मेरी फोटो कब खींच ली?
सच्चे स्वामीभक्त यही तो हैं!
@ महफ़ूज़हाहाहा
दिल मे छुपा के प्यार का तूफ़ान ले चले
जवाब देंहटाएंहम आज अपनी मौत का सामान ले चले
CWG का Auditor On Duty.
जवाब देंहटाएंKYA KISMAT HAI MAINE PAEE.
जवाब देंहटाएंAAJ CHABHEE JO HATH AAEE............
HA HA HA HA ......
nice
जवाब देंहटाएंjnaab shirshk kaa kyaa khen lekin fir bhi koshish he , aaja meri gaadi men beth jaa .. akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंचलानी हो जो कार, गधों से कुत्ते बेहतर,
जवाब देंहटाएंजो चलानी सरकार, कुत्तों से, गधे बेहतर ...
हमें भी हीरो मानो।
जवाब देंहटाएंअरे !! यारों मैं तो साहब बन गया
जवाब देंहटाएंसाहब बन के कैसा तन गया
:) :)
aaja meri car me bith ja
जवाब देंहटाएंआज मैं आगे ज़माना है पीछे!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
बदलते परिवेश में अनुवादकों की भूमिका, मनोज कुमार,की प्रस्तुति राजभाषा हिन्दी पर, पधारें
:) :) हम किसी से कम नहीं
जवाब देंहटाएंहम तो चले परदेश, हम परदेसी हो गए!
जवाब देंहटाएंगुमशुदा कोई हुआ ...!
जवाब देंहटाएंएगो हमरा भी दअर्ज कर लिया जाए...
जवाब देंहटाएंObjects in the mirror are closer than they appear,
मगर एक भी हाथ में आती नहीं है!
1000 शब्दों पर भारी है।
जवाब देंहटाएंआपने यह मेरी फोटो कब खींच ली?
जवाब देंहटाएंसच्चे स्वामीभक्त यही तो हैं!
जवाब देंहटाएं@ महफ़ूज़
जवाब देंहटाएंहाहाहा