खदेरन के बेटे भगावन ने अपनी मम्मी फुलमतिया जी से पूछा, “मम्मी! क्या परी आकाश में उड़ती है?”
फुलमतिया जी ने कहा, “हां बेटा!”
भगावन ने फिर पूछा, “तो अपनी कामवाली झुनझुनिया उड़ती क्यों नहीं?”
फुलमतिया जी ने कहा, “झुनझुनिया परी थोड़े न है ..!”
भगावन ने कहा, “पर पापा तो उसे परी कहते हैं!”
फुलमतिया जी ने गुस्से से तमतमाते हुए कहा, “अच्छा! आने दे, उसे उड़ाकर ही दिखाऊंगी तुझे …!”