खदेरन के बेटे भगावन ने अपनी मम्मी फुलमतिया जी से पूछा, “मम्मी! क्या परी आकाश में उड़ती है?”
फुलमतिया जी ने कहा, “हां बेटा!”
भगावन ने फिर पूछा, “तो अपनी कामवाली झुनझुनिया उड़ती क्यों नहीं?”
फुलमतिया जी ने कहा, “झुनझुनिया परी थोड़े न है ..!”
भगावन ने कहा, “पर पापा तो उसे परी कहते हैं!”
फुलमतिया जी ने गुस्से से तमतमाते हुए कहा, “अच्छा! आने दे, उसे उड़ाकर ही दिखाऊंगी तुझे …!”
वाह..
जवाब देंहटाएंबच्चे मन के सच्चे!!
जवाब देंहटाएं:-))
जवाब देंहटाएंझुनझुनिया को परी कहा खदेरन ने. उड़ाना तो खदेरन को चाहिए न? इस चुटकुले में भी महिलाओं के प्रति अन्याय दिखा :))
जवाब देंहटाएंसवाल तो जायज है ....
जवाब देंहटाएंbeta, papa ki pol nahin kholte. ab dekho, mammi ko ghar ka sara kam karna pad gaya n?
जवाब देंहटाएंजोरदार
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत पोस्ट, बधाई.
जवाब देंहटाएंहाहाहहा
जवाब देंहटाएंबच्चे भी न ..:)
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा ...
:-)
जवाब देंहटाएंपता नहीं कौन उड़ेगा? हा हा हा…
जवाब देंहटाएंहाहाहाहा
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ।
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत ...पोस्ट
जवाब देंहटाएंशुक्रिया ..