किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो, अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।
“क्या बात है, आजकल तुम शॉपिंग भी नहीं करती, और न ही फ़िल्म देखने चलती हो?”
“कुछ नहीं यार! मैंने बहुत बड़ी ग़लती कर दी है।”
“क्यों, ऐसा क्या किया तूने?”
“मैंने अपने मालिक से शादी कर ली। अब वह तनख़्वाह भी नहीं देता और काम भी ज़्यादा लेता है।”
पछताओ तब।
:) अब पछताने से क्या होगा ?
वाह।
शादी की सुखद और त्रासद स्थिति. मालिक में टू-इन-वन ढूँढने का नतीजा.
भूल.. एक ही भूल!!
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बहुत मजेदार |बधाई आशा
bhaut khub...
क्या बात है...
बहुत खूब कहा ।
बहुत खूब ..हा..हा...शुभकामनायें सादर !!!
बहुत खूब मालकिन बनने का दंड तो चुकाना ही पडेगा।
पछताओ तब।
जवाब देंहटाएं:) अब पछताने से क्या होगा ?
जवाब देंहटाएंवाह।
जवाब देंहटाएंशादी की सुखद और त्रासद स्थिति. मालिक में टू-इन-वन ढूँढने का नतीजा.
जवाब देंहटाएंभूल.. एक ही भूल!!
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जवाब देंहटाएंबहुत मजेदार |
जवाब देंहटाएंबधाई
आशा
bhaut khub...
जवाब देंहटाएंक्या बात है...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब कहा ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ..हा..हा...
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें सादर !!!
बहुत खूब मालकिन बनने का दंड तो चुकाना ही पडेगा।
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