आपने भी ग़ौर किया होगा कि खदेरन इन दिनों कुछ चालाक़-सा होता जा रहा था। उसकी इस बढ़ती बुद्धिमाने से लपेटन, झूलन और खखोरन को ईर्ष्या होने लगी। दोनों ने फ़र्ज़ी रूप धरा और एक-एक कर खदेरन के घर पहुंचे उसका इंस्पेक्शन करने।
सबसे पहले गया लपेटन। देखा खदेरन कुत्ते को कुछ खिला रहा था। उसने कहा, “तुम कुत्ते को क्या खिलाते हो?”
खदेरन ने बताया, “जी, ब्रेड, बिस्कुट, इत्यादि ..”
लपेटन बोला, “मैं एनिमल प्रोटेक्शन असोसिएशन से हूं। तुम्हें इसे अच्छी डाइट देनी चाहिए। तुम पर जुर्माना लगाया जाता।”
… और वह जुर्माना लेकर चला गया।
कुछ दिनों के बाद झूलन भेष बदल कर पहुंचा। उसने भी वही प्रश्न दुहराया, “तुम कुत्ते को क्या खिलाते हो?”
खदेरन ने बताया, “जी मैं इसे मटन, चिकन आदि खिलाता हूं।”
झूलन ने कहा, “मैं यूएनओ का एक इंस्पेक्टर हूं। तुम्हें यह बात समझनी चाहिए कि जहां एक ओर लोग भूख से मर रहे हैं, तुम कुत्ते को ये सब खिलाते हो। तुम पर जुर्माना लगाया जाता है।”
… और वह जुर्माना लेकर चला गया।
कुछ दिनों के बाद खखोरन भेष बदल कर आया और उसने भी वही प्रश्न पूछा, “तुम कुत्ते को क्या खिलाते हो?”
खदेरन ने कहा, “जी, मैं इसे 100 रुपए दे देता हूं। अब इसकी मर्ज़ी, जो चाहे खा ले!”
ek behtareen joke. Thanx.
जवाब देंहटाएंबढ़िया चुटकुला.
जवाब देंहटाएंmajedar hai ha ha ha ha
जवाब देंहटाएंवाह रे खदेरना!
जवाब देंहटाएंवाह !!
जवाब देंहटाएंwah bahut hi badhiya aur majedaar
जवाब देंहटाएंखदेरन इन दिनों कुछ चालाक़-सा होता जा रहा है.....हा हा!!
जवाब देंहटाएं:):) वाकयी खदेरन होशियार हो गया है ..
जवाब देंहटाएंअच्छा है!! देखेते हैं फेसबुक पर कब दिखाई देता है यह एपिसोड!! इन दिनों छाया हुआ है खदेरन भी फेसबुक पर!! बधाई आपको!!
जवाब देंहटाएंसच में खदेरन अब बुद्धिमान हो चला है।
जवाब देंहटाएंवाह।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब , मजा आ गया ...
जवाब देंहटाएंab jaagi na akal.
जवाब देंहटाएंवाह रे खदेरन अब तो तुम बुद्धिमान होते जारहे हो
जवाब देंहटाएंअच्छा हुआ, खखोरन ने यह नहीं कहा- मैं इनकम टैक्स ऑफिस से हूँ...ये बताओ इस धन का स्रोत क्या है?
जवाब देंहटाएंहैप्पी फ़्रेंडशिप डे।
जवाब देंहटाएंNice post .
हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। ब्लॉगर्स मीट वीकली में आप सादर आमंत्रित हैं।
बेहतर है कि ब्लॉगर्स मीट ब्लॉग पर आयोजित हुआ करे ताकि सारी दुनिया के कोने कोने से ब्लॉगर्स एक मंच पर जमा हो सकें और विश्व को सही दिशा देने के लिए अपने विचार आपस में साझा कर सकें। इसमें बिना किसी भेदभाव के हरेक आय और हरेक आयु के ब्लॉगर्स सम्मानपूर्वक शामिल हो सकते हैं। ब्लॉग पर आयोजित होने वाली मीट में वे ब्लॉगर्स भी आ सकती हैं / आ सकते हैं जो कि किसी वजह से अजनबियों से रू ब रू नहीं होना चाहते।
मजा आ गया ....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !
वाह..हा हा हा हा हा ...सटीक उत्तर...
जवाब देंहटाएंनीरज