अब होली के अवसर पर आप सबों से मुखातिब हो ही लूं। कुछ दिनों से हास्य फ़ुहार के साथ न आ सकी। विवश थी। डॉक्टर की सलाह पर सम्पूर्ण बिस्तर विश्राम में हूं।
समझे नहीं?
अरे क्या कहते हैं उसे … अंग्रेज़ी में .. भला तो उस डॉक्टर ने कहा था। हां याद आया .. Complete Bed Rest .. सम्पूर्ण बिस्तर विश्राम .. हुआ कि नहीं।
डॉक्टर ने तो चेतावनी दे दी थी कि मैंने यदि सम्पूर्ण बिस्तर विश्राम नहीं किया तो होस्पिटल में दाखिला (Admit) कर देंगे! अब बताइए ये भी कोई बात हुई? दखिला तो स्कूल-कॉलेज में होता है। जहां पढाई लिखाई से मेरा रिश्ता ३६ का ही रहा। किसी तरह मैथिली जैसे विषय से स्नातक कर लिया .. ताकि अंगरेज़ी से पीछा छूटे। पर अंग्रेज़ी .. उफ़्फ़ .. पीछा ही नहीं छोड़ती। जहां जाओ वहीं अंग्रेज़ी। मैं तो समझ नहीं पाती। किसी तरह अनुवाद करके कुछ न कुछ अर्थ निकाल ही लेती हूं, समझ – समझा लेती हूं।
अब देखिए ना .. वो टाइटेनिक देखी तो उसका नाम रख दिया ..नौआ देलकई धोखा।
एनाकोंडा माने बहुत बड़का संपवा।
तीन गो बुरबक त था ही थ्री इडियट्स।
इस सब का कारण है।
जब अंग्रेज़ी की क्लास होती थी तो मुझे सारी दुनियां बहुत दिलचस्प नज़र आती थी। यहां तक कि खाली दीवार को देखना भी बहुत अच्छा लगता था।
जब से हास्य फ़ुहार का चस्का लगा, कम्प्यूटर पर आना पड़ा। और आ के यहां भी पछताना पड़ा। यहां भी पीछे पड़ गई अंग्रेज़ी। मैंने भी उनके अपने अर्थ बना लिए। देखिए ..
सेव – बचाओ
सेव ऐज़ – ऐसे बचाओ
सेव ऑल – सबको बचाओ
हेल्प – मुझे बचाओ
सेव एंड एग्ज़िट – बचा कर भागो।
पर होली में कोई बच कर न भागे।
हैप्पी होली!!