फुलमतिया जी यदा-कदा खदेरन के ज्ञान का टेस्ट लेती रहती हैं। उस दिन भी उनको एक प्रश्न सूझ गया तो इठलाती हुए उन्होंने पूछ ही दिया, “ऐ जी!”
“ओ जी!!” खदेरन ने कहा।
फुलमतिया जी ने पूछा, “सम्मोहन किसे कहते हैं?”
खदेरन ने अपना सर खुजाया, बहुत कोशिश की पर इसका उत्तर उसे नहीं पता था, तो नहीं पता था। बोला, “नहीं मालूम।”
फुलमतिया जी ने विजेता वाले गर्व से कहा, “किसी आदमी को अपने प्रभाव से वश में करके उससे अपना मनचाहा काम करा लेने को सम्मोहन कहते हैं।”
सुन कर खदेरन ने अपनी खींसे निपोरी और बोला, “धत्त! उसे तो शादी कहते हैं!!”
सही बात है।
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा... :-)
जवाब देंहटाएंहा हा हो हो!!
जवाब देंहटाएंek baar ham bhi sammohit ho chuke hain..:D
जवाब देंहटाएंज्ञान-चक्षु खुल गए हैं, खदेरन के.
जवाब देंहटाएंदेखा खदेरन कम अकल नहीं है उसे सब पता है |
जवाब देंहटाएंसिर्फ आदमी को ...!!!!
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा
जवाब देंहटाएंसही तो कहा।
जवाब देंहटाएंसही बात है।
जवाब देंहटाएंशादी तो मोहभंग की स्थिति है!!
जवाब देंहटाएंशादी और सम्मोहन एक हैं.कमाल है हम तो सम्मोहन से ही शादी होती है ऐसा समझे .आपके चुटकुले ने तो सम्मोहित ही कर दिया.ये खदेरन भी अजीब है खीसें निपोरने में .
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा ....
वाह ...क्या बात है...
जवाब देंहटाएंयही तो सम्मोहन हुआ
जवाब देंहटाएं