रात में जेल में रामलीला का मंचन किया गया।
सुबह जेल के हवलदार और जेलर में संवाद --
“सर! कल रात क़ैदियों ने जेल में रामलीला की थी।”
“वाह! बहुत अच्छी बात है यह तो! पर तुम परेशान से क्यों दिख रहे हो?”
“सर .. परेशान होने वाली ही बात है सर! हनुमान बना क़ैदी अभी तक संजीवनी ले कर वापस नहीं आया है।”
हा हा हां .....
जवाब देंहटाएंgood
जवाब देंहटाएंha ha ha
bechara............:)
जवाब देंहटाएंha ha ha
जवाब देंहटाएंha ha ha
जवाब देंहटाएंआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (05.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
जय बजरंग बली!!
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा ....
VERY FUNNY !!!!!
जवाब देंहटाएंवाह वाह।
जवाब देंहटाएंवाह..क्या खूब ...
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