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शुक्रवार, 4 मार्च 2011

जेल में रामलीला

रात में जेल में रामलीला का मंचन किया गया।

सुबह जेल के हवलदार और जेलर में संवाद --

“सर! कल रात क़ैदियों ने जेल में रामलीला की थी।”

“वाह! बहुत अच्छी बात है यह तो! पर तुम परेशान से क्यों दिख रहे हो?”

“सर .. परेशान होने वाली ही बात है सर! हनुमान बना क़ैदी अभी तक संजीवनी ले कर वापस नहीं आया है।”

11 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (05.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
    चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

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