खदेरन को फुलमतिया जी का आदेश हुआ, “बाज़ार से तोते खरीद कर ले आओ! मुझे तोते पालने हैं।”
हुक्म की तामील करते हुए खदेरन बाज़ार पहुंचा। वह पालतू पक्षियों की दुकान पर गया। दुकान में अन्य पंक्षियों के अलावा तीन तोते टंगे हुए थे। उसने दाम पूछा।
दुकानदार ने बताया, “ये पहला वाला 500 रुपये का, यह दूसरा वाला1000 रुपये का और यह तीसरा वाला 2000 रुपये का।”
खदेरन को आश्चर्य हुआ। बोला, “तोते बहुत महंगे हैं। उस पर से उनके अलग-अलग दाम क्यों रखा है?”
दुकानदार ने समझाया, “इस पहले वाले, लाल तोता का दाम 500 रुपये इसलिए है कि यह कंप्यूटर चलाना जानता है।”
“अच्छा, और इस दूसरे वाले का 1000 रुपये क्यों?”
“यह नीला तोता, यह बहुत समझदार है और यह कंप्यूटर के अलावा ऑफिस का भी कई काम कर सकता है।”
“अच्छा!! और तीसरा वाला … इसका 2000 रुपये किसलिए? इसमें क्या खासियत है??”
“यह सफ़ेद तोता, सच कहूं तो, तो मैंने कभी इसको कोई काम करते हुए नहीं देखा है। पर इसे ये दोनों तोते बॉस कह कर बुलाते हैं!”
ज़रूर तीसरा ब्लोगर रहा होगा :)
जवाब देंहटाएंवाकई बास...
जवाब देंहटाएंha ha ha
जवाब देंहटाएंha ha ha
जवाब देंहटाएंBoss koi kam nahi karte
बहुत अच्छा।
जवाब देंहटाएंwell done boss!!
जवाब देंहटाएंसत्य वचन।
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
हा-हा-हा....
बहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएंबॉस .... सही कहा :):) काम न करे पर कीमत तो ज्यादा ही होती है .
जवाब देंहटाएंबॉस की सही परिभाषा. :)
जवाब देंहटाएं