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शनिवार, 30 जुलाई 2011

चित्र का शीर्षक क्या हो?

funny dog pictures - Goggie Gif: I Can Do It!

 

मेरा शीर्षक ::

जान बची तो लाखों उपाय,

लौट के ‘..…’ घर को आए!

सोमवार, 25 जुलाई 2011

फैसले

खदेरन अपने घर की खिटिर-पिटिर से परेशान था। किसी तरह शान्ति बहाल हो इस इरादे से फाटक बाबू के पास पहुंचा और पूछ, “फाटक बाबू आपके सुखी और शान्तिपूर्ण वैवाहिक जीवन का क्या राज़ है? कुछ हमें भी बताइए।”

फाटक बाबू ने बताया, “कुछ नहें खदेरन! बहुत सिम्पल है!! हमारे बीच शादी होते ही एक समझौता हो गया था।”

खदेरन ने उत्सुकता से पूछा, “क्या समझौता फाटक बाबू?”

फाटक बाबू ने बताया, “यही कि घर के छोटे-मोटे निर्णय खंजन देवी लेंगी और बड़े-बड़े मसले पर मेरी राय अंतिम होगी। और तब से हम इसे पूरी तरह पालन कर रहे हैं।”

खदेरन ने कहा, “कुछ उदाहरण देकर समझाइए न फाटक बाबू।”

फाटक बाबू ने समझाया, “अरे खदेरन, घर के फैसले – जो खंजन देवी लेती हैं वो ऐसे हैं – जैसे – क्या और कौन-सी चीज़ ख़रीदनी है, घर का बजट कैसे बनाना है, किस मद में कितना ख़र्च करना है, किस रिश्तेदार को कौन सा गिफ़्ट देना है, कहां जाना है, कहां नहीं जाना है, कहां इन्वेस्ट करना है, किसे बुलाना है , किसे मेड रखना है, आदि-आदि …”

खदेरन ने आश्चर्य से पूछा, “अच्छा और वो बड़े-बड़े फैसले कौन से होते हैं जो आप लेते हैं?”

फाटक बाबू ने बताया, “यही कि सचिन को कब रिटयरमेंट लेना चाहिए, अमेरिका से हमें क्या समझौता करना चाहिए, भारत को परमाणु बनाना चाहिए या नहीं, कालाधन कैसे वापस लाना चाहिए, भ्रष्टाचार मिटाने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए ….!”

शुक्रवार, 22 जुलाई 2011

छाता की ख़रीद

पोपट को अब जाकर इस बरसात में छाता खरीदने की सूझी। अपने बजट के अनुसार एक छाता उसने पसंद किया और दूकानदार द्वारा बताए गए मूल्य के आधे से अधिक में वह लेने को राज़ी न था।

दूकनादार ने भी मन ही मन सोचा ‘पचास रुपये में इसे बेचना कम तो है, पर चलो क्या हुआ प्रोफ़िट मार्जिन थोड़ा कम है पर यह माल निकल तो जाएगा!’

उसने हामी भर दी।

छाता हाथ में लेकर पोपट ने उसे घुमा-फिरा कर देखा और दूकानदार से पूछा, “यह छाता पांच-छह साल चल तो जाएगा ना?”

दूकानदार ने कहा, “बस इसे धूप-और पानी से बचा कर रखिएगा, पांच-छह साल क्या उससे भी ज़्यादा चल जाएगा!!”

बुधवार, 20 जुलाई 2011

एस.एम.एस. जोक

एक जोक शेयर करती हूं, एस.एम.एस. से मिला है।

मुन्नाभाई :अरे सर्किट मां को इंगलिश में क्या कहते हैं?

सर्किट : मॉम कहते हैं भाई!

images (47)मुन्नाभाई : अगर मां को इंगलिश में मॉम कहते हैं तो मां की बड़ी बहन और छोटी बहन को क्या बोलने का ?

images (47)सर्किट : सिम्पल है भाई। मैक्सीमॉम और मिनीमॉम!

रविवार, 17 जुलाई 2011

आंखों का परीक्षण

images (45)खदेरन का दोस्त भुटकुन एक दिन खदेरन को अपनी समस्या बता रहा था। बोला, “दोस्त, मैं कुछ पढ़ नहीं पाता।”

खदेरन बोला, “कोई बात नहीं, तू डॉक्टर से दिखा ले सब ठीक हो जाएगा।”

भुटकुन डॉक्टर के पास गया। डॉक्टर उसकी आंखों का परीक्षण कर रहा था।

images (46)भुटकुन ने पूछा, “डॉक्टर साहब! चश्मा लगाने से मैं पढ़ सकूंगा?”

डॉक्टर ने जवाब दिया, “हां-हां, क्यों नहीं।”

भुटकुन ने राहत की सांस लेते हुए कहा, “ओह! फिर तो बहुत अच्छा रहेगा, अभी तक तो  मुझे पढ़ना भी नहीं आता था।”

गुरुवार, 14 जुलाई 2011

भगावन, फुलमतिया जी का बेटा ..!

भगावन स्कूल में था। उसके एक टीचक, अकलू प्रसाद  की आदत थी की वह बात-बात  में भगावन को नीचा दिखाने की कोशिश करता रहता था।

अब भगावन तो भगावन था, फुलमतिया जी और खदेरन का बेटा …

देखिए …

टीचर अकलू प्रसाद, “क्या करते हो भगावन? फिर से फिसड्डी! अरे पता भी है तुम्हें,  जब बिल गेट्स तुम्हारी उम्र का था, तो वह क्लास में फ़र्स्ट आया था।”

भगावन ने जवाब दिया, “सर जी! जब हिटलर आपकी उम्र का था, तो आपको पता है, उसने आत्महत्या कर ली थी!!”

बुधवार, 13 जुलाई 2011

बुद्धिमान कौन?

गणितज्ञ :  5 के बीच में  4  कैसे लिखेंगे?

चीनी : क्या यह मज़ाक़ है?


जापानी :  असंभव!


अमेरिकी : सवाल ही ग़लत है!


अंग्रेज़ : इंटरनेट पर भी नहीं मिला।


भारतीय – खदेरन F(IV)E

शनिवार, 9 जुलाई 2011

आपस में बात

खदेरन और फाटक बाबू आपस में बात कर रहे थे।

जगह : वही फाटक बाबू का लॉन।

खदेरन ने अपनी जिज्ञासा सामने रखी, “फाटक बाबू! ऐसी पत्नी को क्या कहेंगे जो गोरी हो, लंबी हो, ख़ूबसूरत हो, बुद्धिमान हो, दिखने में अच्छी हो, पति को समझे, और कभी झगड़ा न करे।”

फाटक बाबू ने कहा, “मन का भ्रम!”

शुक्रवार, 8 जुलाई 2011

बहुत मुश्किल है!

खदेरन का बेटा भगावन अपने दोस्त रिझावन से बात कर रहा था। उसे पता नहीं था कि उसका बाप खदेरन पीछे खड़ा है, और उनकी बातें उसके कानों में पड़ रही हैं।

खदेरन रिझावन से, “यार रिझावन! बहुत मुश्किल है स्कूल की टीचर से प्यार करना!!”

रिझावन ने पूछा, “क्यों, क्या हुआ?”

भगावन ने बताया, “अरे यार! लव लेटर भेजा था, उसने होमवर्क समझ कर चेक कर दिया।”

पीछे से खदेरन जो अब अबतक उनकी बात सुन रहा था, बोला, “बेटा! तेरी टीचर ने आज मुझे भी एक लेटर भेजा है …”

खदेरन की बात पूरी सुनने के पहले ही भगावन ने जवाब दिया, “आप फ़िक्र मत करो पापा! मैं मम्मी को कुछ नहीं बताऊंगा!!”

बुधवार, 6 जुलाई 2011

क्या देख रहे हो?

खदेरन बहुत देर से मैरिज सर्टिफ़िकेट को घूरे जा रहा था।

फुलमतियाजी ने पूछा, “क्या देख रहे हो?”

खदेरन ने कहा, “कुछ नहीं।”

फुलमतिया जी ने कहा, “तो घंटे भर से हमारे मैरिज सर्टिफ़िकेट में क्या पढ़ रहे हो?”

खदेरन ने बताया, “बस, इसमें इसकी  एक्सपायरी डेट ढ़ूंढ़ रहा थ!”

शनिवार, 2 जुलाई 2011

चित्र का शीर्षक ….. ?

 

“अल्ले ले ले ले ले ….!”

 

 

भप्प ! हे तंग करेगी मेरी बहना को …. म्याऊं … म्याऊं …!

“करूंगी, तलूंगी … गुद्दु .. गुद्दु ..!!”

शुक्रवार, 1 जुलाई 2011

अंतरराष्‍ट्रीय चुटकुला दिवस

आज अंतरराष्ट्रीय चुटकुला दिवस है।

आप सबों को ढ़ेर सारी हंसियां मुबारक!!

मैं यह दावा तो कर ही सकती हूं कि यह ब्लॉग एक  मात्र अगर न भी हो तो कम से कम चुटकुलों को पूर्णतया समर्पित ब्लॉग है। और अब तक 430 चुटकुलों के साथ आपको हंसी बांटने के प्रयास के बाद आज के दिन लिए गुजारिश तो कर ही सकती हूं कि …

आज दिन भर हंसी और खु़शी का बहाना ढ़ूंढ़ते रहिए।

किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो,

अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।

कुछ चित्र हैं देखिए और हंसिए!!! और चुटकुला दिवस पर एक चुटकुला भी अंत में है ….

 

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खदेरन से उसका दोस्त जियावन बोला, “खदेरन भाई मेरी पडो़सन है तो बहुत ही ख़ूबसूरत लेकिन उसे अंग्रेज़ी नहीं आती।”

खदेरन ने उससे पूछा, ‘‘तुम्हें कैसे पता क्या उसने ख़ुद बताया?”

जियावन ने समझाया, “जब मैंने उसे अंग्रेज़ी में कहा कि गिव मी ए किस तो उसने मुझे थप्पड़ मार दिया।”