पोपट को अब जाकर इस बरसात में छाता खरीदने की सूझी। अपने बजट के अनुसार एक छाता उसने पसंद किया और दूकानदार द्वारा बताए गए मूल्य के आधे से अधिक में वह लेने को राज़ी न था।
दूकनादार ने भी मन ही मन सोचा ‘पचास रुपये में इसे बेचना कम तो है, पर चलो क्या हुआ प्रोफ़िट मार्जिन थोड़ा कम है पर यह माल निकल तो जाएगा!’
उसने हामी भर दी।
छाता हाथ में लेकर पोपट ने उसे घुमा-फिरा कर देखा और दूकानदार से पूछा, “यह छाता पांच-छह साल चल तो जाएगा ना?”
दूकानदार ने कहा, “बस इसे धूप-और पानी से बचा कर रखिएगा, पांच-छह साल क्या उससे भी ज़्यादा चल जाएगा!!”
बढ़िया :))
जवाब देंहटाएंसामान्य!
जवाब देंहटाएंpurana joke hai. kintu achha laga ki aapne fir se yad dilaya. abhar.
जवाब देंहटाएंBADHIYA AUR MAJEDAAR
जवाब देंहटाएंहाहहाहा... सही सुझाव
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा ....
बहुत सही।
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