किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो, अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।
भिखारी : सेठ पांच रुपया दोना, बहुत भूख लगी है। भगवान तेरा भला करेगा।
सेठ : मेरे पास सौ रुपए का नोट है। तेरे पास छुट्टा, पच्चानवे रुपए हैं क्या?
भिखारी : हां, हैं।
सेठ : तो पहले वो तो ख़र्चा कर!!
bura fansa ha ha ha
हाहहाहाहहाबढिया
sateek jawab...jai baba banaras...
उल्टा पकड़ा..
:):) यह नाइंसाफी है ॥
;-)आपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हमने सहेज लिया है क्रोध की ऊर्जा का रूपांतरण - ब्लॉग बुलेटिन के लिए, पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद !
nehle pe dehla.
सही जवाब :-)
are sab seth ki taraf se bol rahe hain koi to bhikari ki taraf se bolo.
kya karen aajkal bhikhari seth se jyada paisevala ho gaya hai.
ha ha :) bechara :)Please visit my site and share your views... Thanks
bura fansa ha ha ha
जवाब देंहटाएंहाहहाहाहहा
जवाब देंहटाएंबढिया
sateek jawab...
जवाब देंहटाएंjai baba banaras...
उल्टा पकड़ा..
जवाब देंहटाएं:):) यह नाइंसाफी है ॥
जवाब देंहटाएं;-)
जवाब देंहटाएंआपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हमने सहेज लिया है क्रोध की ऊर्जा का रूपांतरण - ब्लॉग बुलेटिन के लिए, पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद !
nehle pe dehla.
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जवाब देंहटाएंare sab seth ki taraf se bol rahe hain koi to bhikari ki taraf se bolo.
जवाब देंहटाएंkya karen aajkal bhikhari seth se jyada paisevala ho gaya hai.
जवाब देंहटाएंha ha :) bechara :)
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