खदेरन को सब बेवकूफ़ समझने लगे तो उसने अपई व्यथा फाटक बाबू कि सुनाई और उनसे बोला,“फाटक बाबू लोग मुझे बेवकूफ़ कहते हैं। मुझे मेरा सामान्य ज्ञान बढ़ाना है। आप तो बहुते तेज़ हैं, हमको मदद कीजिए।”
फाटक बाबू ने कहा कि कल से रोज़ सुबह छह बजे आ जाना, हम तुमको ज्ञान की बातें बताया करेंगे।”
***
एक दिन ज्ञान की कक्षा में फाटक बाबू खदेरन को समझा रहे थे, “जानते हो खदेरन, एक शोध से पता चला है कि चौबीस घंटे में एक पति 23,000 शब्द बोलता है, जबकि एक पत्नी 30, 000 शब्द बोलती है।”
खदेरन जो अब तक कुछ ज्ञान हासिल कर चुका था ने अपनी बुद्धि दौड़ाई और बोला, “ई त ठीके है। मर्द कम बोलता है। स्त्री बेसी। इसमें समस्या कहां है?”
फाटक बाबू बोले, “समस्या तो तब शुरू होती खदेरन, जब पति अपने ऑफिस से अपना 23,000 शब्द खतम करके घर आता है और पत्नी अपने 30,000 शब्द के साथ शुरू हो जाती है।”
sahi kaha aapne
जवाब देंहटाएं30,000 शब्दों की बौछार...बाप रे बाप :))
जवाब देंहटाएंहाहाहाहहाह
जवाब देंहटाएंsatya vachan....
जवाब देंहटाएंjai baba banaras....
अब कभी तो बोलेगी न कोई सुनने वाला तो होना चाहिए .... :):)
जवाब देंहटाएंहर जगह यही हाल है..
जवाब देंहटाएंजब घर पर कोई सुनने वाला होगा तभी तो बोलेगी , और पुरुष तो सब घर के बाहर ही बोल आता है |
जवाब देंहटाएंlog kitne serious ho jate hain joke par bhi.
जवाब देंहटाएं