सौभाग्य से खदेरन को मुम्बई जाने का मौक़ा मिला। अपने एक दूर के रिश्तेदार के यहां जाने के लिए उसने स्टेशन के सामने से डबल डेकर बस पकड़ा। बस में चढ़ते ही कंडक्टर ने उसे ऊपर भेज दिया।
थोड़ी ही देर में खदेरन भागता हुआ नीचे पहुंचा और कंडक्टर पर बरस पड़ा, “अबे ओ कंडक्टर ! मरवाएगा क्या? ऊपर तो ड्राइवर ही नहीं है।”
हा हा, सच ही है..
जवाब देंहटाएंwonderful...
जवाब देंहटाएंjai baba banaras....
:PP
जवाब देंहटाएं:):)
जवाब देंहटाएंyhi to desh ka haal hai !
जवाब देंहटाएं:-)
bechara khaderan.....ab kya karega.....chali bas se kood padega ???????????? ha.ha.ha.
जवाब देंहटाएंबेचारा खदेरन !
जवाब देंहटाएंलेकिन है कहाँ का निवासी यह ?
:))
जवाब देंहटाएंड्राइवर क्या घुमने चला गया था....सरकारी नौकरी में यही होता है .हां नहीं तो
जवाब देंहटाएंdriver hota bhi to kya kar leta driving wheel to phir nahi hai.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति..!
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
सूचनार्थ!
was looking for this from a long time and now have found this. I also run a webpage and you to review it. This is:- http://consumerfighter.com/
जवाब देंहटाएंSahi hai.. :) :) :)
जवाब देंहटाएंप्रेसेन्स ऑफ माइण्ड :)
जवाब देंहटाएंI admire this article for its well-researched content and excellent wording. I got so involved in this material that I couldn’t stop reading. I am impressed with your work and skill. Thank you so much. If possible can anyone please check my ideal products for Valentine Day Gifts and let me know what should I do to improve the quality of the page
जवाब देंहटाएं