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मंगलवार, 10 जुलाई 2012

खदेरन की मुश्किल

सौभाग्य से खदेरन को मुम्बई जाने का मौक़ा मिला। अपने एक दूर के रिश्तेदार के यहां जाने के लिए उसने स्टेशन के सामने से डबल डेकर बस पकड़ा। बस में चढ़ते ही कंडक्टर ने उसे ऊपर भेज दिया।

थोड़ी ही देर में खदेरन भागता हुआ नीचे पहुंचा और कंडक्टर पर बरस पड़ा, “अबे ओ कंडक्टर ! मरवाएगा क्या? ऊपर तो ड्राइवर ही नहीं है।”

15 टिप्‍पणियां:

  1. बेचारा खदेरन !
    लेकिन है कहाँ का निवासी यह ?

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  2. ड्राइवर क्या घुमने चला गया था....सरकारी नौकरी में यही होता है .हां नहीं तो

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  3. driver hota bhi to kya kar leta driving wheel to phir nahi hai.

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  4. बहुत सुन्दर प्रस्तुति..!
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    सूचनार्थ!

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