नोंक-झोंक-2
नोंक-झोंक थोड़ी तीखी हो गई। गुस्से से श्रीमान ने श्रीमती जी को एक जोरदार तमाचा जड़ दिया। श्रीमती जी की आंखों से आसुओं का सैलाब फूट पड़ा। उनका रोते-रोते बुरा हाल हो गया। यह देख श्रीमान को दया आ गई। श्रीमान ने श्रीमती जी से बड़े प्यार से कहा, “प्रिये, लोग हाथ उसी पर उठता है, जिसे वह बेइंतहा प्यार करते हैं।”
यह सुनते ही श्रीमती जी ने आंसू पोछ लिए। श्रीमान जी के पास आईं। बड़े उत्साह से उनके गालों पर दो तमाचे जड़ दिए। और उतने ही प्यार से बोलीं, “आप क्या समझते हैं, कि मैं आपको कम प्यार करती हूं। जी मैं तो आपको आपसे दुगुना प्यार करती हूं।”
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अगर पसंद आया तो ठहाके लगाइएगा
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HANS-HANS KAR HAAL BURA HO GAYA HO GAYA HAI.AAPKO BADHAI.
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