तुम्हारी याद में
श्रीमती जी बहुत दिनों के बाद मायके से वापस पधारीं थीं।
उनसे मिलने की बेकरारी में श्रीमान जी ऑफिस से जल्दी ही घर भाग आए।
घर आकर वे उनसे बोले, “मैं तो तुम्हारी याद में बहुत तड़पा हूं। तुम्हें भी मेरी याद आई क्या?”
उन्होंने कहा, “हां।“
श्रीमान जी ने पूछा, “कब?”
उनका जवाब था “स्टेशन पर जब कुली नहीं मिला तब।“
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अगर पसंद आया तो ठहाका लगाइगा
Ha ha ha ha ha ha ha .....Acha laga ...
जवाब देंहटाएंहास्यफुहार अपना काम कर गई!
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा हा हा
जवाब देंहटाएंआपका नाम हास्यफुहार नहीं.....हास्यबौछार होना चाहिए..
:):)
ha ha ha ha ha ....majedar.
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंक्या बात है! हा-हा-हा-हा-हा....
जवाब देंहटाएंहा हा!! सामान काफी भारी रहा होगा! :)
जवाब देंहटाएंha ha ha ha ha ha ha ha.......majedar.
जवाब देंहटाएंहम इसी लायक हैं? हा हा हा हा
जवाब देंहटाएंHa ha haaaaaaaaaa....aap purusho ki dhajiya kyon udatin hai...aapki rachna me vishay adhiktar purush ki hota hai ?
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढि़या ।
जवाब देंहटाएंbechara rishte ka bojh to utha hi raha tha , ab kya attache bhi usi se uthwane ka iraada hai ?
जवाब देंहटाएंमजेदार । हा....हा....हा....
जवाब देंहटाएंमजेदार....
जवाब देंहटाएंha ha ha...bahut sahi joke
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा हास्य
जवाब देंहटाएंHAHAhaha ,,aaj kal is tarh ki sambhavnaaye zayda ho gayi hain.
जवाब देंहटाएंVIKAS PANDEY
waaaaaaaaaah bahut khoob.
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