लूट लो...!!
जज, "तुमने गहनों की दूकान में चोरी क्यूँ की ?"
चोर, "सर, इसमें मेरा कोई कसूर नहीं है। इन्होने खुद दूकान के बाहर लिख रखा था, लूट लो...लूट लो.... सुनहरा मौक़ा है । लूट लो...!!"
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अगर पसंद आया तो ठहाका लगाइगा
वाह !
जवाब देंहटाएंसही किया!
जवाब देंहटाएंha ha ha........
जवाब देंहटाएंलुटने को जो तैयार बैठा हो तो ----
जवाब देंहटाएंलुटने वाला तो रोज लूटता था
क्या हुआ जो एक रोज लुट गया.
लूट लिया हास्य रस हमने भी ...!!
जवाब देंहटाएंha ha ha ha ha ...
जवाब देंहटाएंmajedar....
जवाब देंहटाएंमजेदार
जवाब देंहटाएंमजेदार
जवाब देंहटाएंha hahahahahahahahahahahahah
मजेदार ..... ha ...ha.... ha ...
जवाब देंहटाएंha ha ha ha ha ...............
जवाब देंहटाएंवाह जी बल्ले बल्ले.
जवाब देंहटाएंhahahahahhahahah a
जवाब देंहटाएंउसने गहने लूटे हमने हंसने का मजा लुट लिया.......hahahahahaahahahaha
suman ji ki baaton se sahmat :)
जवाब देंहटाएंहा हा हा ..सही बात जब लिखा है तो लूट लिया ...मजेदार प्रसंग...धन्यवाद
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हा हा हा , बहुत अच्छा,
आभार!
यह खूब रही!
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा ...वाह.
जवाब देंहटाएंहा हा हा :))
जवाब देंहटाएंतेरे लिखे को निभाया क्या ग़लत किया मैंने !
जवाब देंहटाएंअति उत्तम.
logic ka achchha prayog! Dukan wale hoshiyar rahen warna!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
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