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शुक्रवार, 29 जनवरी 2010

तुम्हारी याद में

तुम्हारी याद में

श्रीमती जी बहुत दिनों के बाद मायके से वापस पधारीं थीं।

उनसे मिलने की बेकरारी में श्रीमान जी ऑफिस से जल्दी ही घर भाग आए।

घर आकर वे उनसे बोले, मैं तो तुम्हारी याद में बहुत तड़पा हूं। तुम्हें भी मेरी याद आई क्या?

उन्होंने कहा, हां।

श्रीमान जी ने पूछा, कब?

उनका जवाब था स्टेशन पर जब कुली नहीं मिला तब।

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अगर पसंद आया तो ठहाका लगाइगा

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19 टिप्‍पणियां:

  1. हा हा हा हा हा हा
    आपका नाम हास्यफुहार नहीं.....हास्यबौछार होना चाहिए..
    :):)

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  2. हा हा!! सामान काफी भारी रहा होगा! :)

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  3. हम इसी लायक हैं? हा हा हा हा

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  4. Ha ha haaaaaaaaaa....aap purusho ki dhajiya kyon udatin hai...aapki rachna me vishay adhiktar purush ki hota hai ?

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  5. bechara rishte ka bojh to utha hi raha tha , ab kya attache bhi usi se uthwane ka iraada hai ?

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  6. HAHAhaha ,,aaj kal is tarh ki sambhavnaaye zayda ho gayi hain.

    VIKAS PANDEY

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