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शुक्रवार, 3 जून 2011

समझदारी

एक दिन फाटक बाबू और खदेरन बरामदे में बैठे गप-शप कर रहे थे।

बात-चीत का क्रम घूम-फिर कर शादी पर आ पहुंचा।

फाटक बबू ने पूछा, “खदेरन, तुमको नहीं लगता कि ज़रा सी समझदारी से लाखों तलाक के मामले रोके जा सकते हैं?”

खदेरन ने जवाब दिया, “फाटक बबू, आपको नहीं लगता कि ज़रा सी समझदारी से शादियां भी तो रोकी जा सकती हैं!”

12 टिप्‍पणियां:

  1. ना रहेगा बांस, तो कैसे बजेगी बांसुरी,

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  2. हा-हा-हा ...
    समझदारी का जवाब नहीं ...!

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  3. इसको कहते हैं बीमारी की जड़ तक पहुँचना!!

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