एक दिन फाटक बाबू और खदेरन बरामदे में बैठे गप-शप कर रहे थे।
बात-चीत का क्रम घूम-फिर कर शादी पर आ पहुंचा।
फाटक बबू ने पूछा, “खदेरन, तुमको नहीं लगता कि ज़रा सी समझदारी से लाखों तलाक के मामले रोके जा सकते हैं?”
खदेरन ने जवाब दिया, “फाटक बबू, आपको नहीं लगता कि ज़रा सी समझदारी से शादियां भी तो रोकी जा सकती हैं!”
ना रहेगा बांस, तो कैसे बजेगी बांसुरी,
जवाब देंहटाएंसही बात है, कोई सोच कर तो देखे।
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही बात है.:)))
जवाब देंहटाएंसादर
गजब की समझदारी .....
जवाब देंहटाएंकाश पहले समझ आती यह बात :):)
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा ...
जवाब देंहटाएंसमझदारी का जवाब नहीं ...!
हाहाहहाा... क्या बात है
जवाब देंहटाएंपते की बात कही है।
जवाब देंहटाएंइसको कहते हैं बीमारी की जड़ तक पहुँचना!!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा .....!
जवाब देंहटाएंहा हा!!
जवाब देंहटाएंबहुत सच कहा है..
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