खदेरन परेशान हो गया। अपनी परेशानी का हल ढ़ूंढ़ने एक साधु के पास पहुंचा।
बोला, “बाबा! मेरी बीवी मुझे बहुत परेशान करती है। मैं बहुत परेशान हूं। इस परेशानी से निजात पाने का कोई उपाय बताइए बाबा!”
बाबा बोले, “बच्चा! अगर इस परेशानी का कोई उपाय मुझे पता होता तो मैं ही साधु संन्यासी क्यों बनता?”
:))))
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कल 22/06/2011को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है-
आपके विचारों का स्वागत है .
धन्यवाद
नयी-पुरानी हलचल
ले तु भी बन जा साधु
जवाब देंहटाएंHA HA HA
जवाब देंहटाएंखुबसूरत रचना ,आभार|
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा ....
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
:):) बढ़िया है
जवाब देंहटाएंह ह ह ह
जवाब देंहटाएंhashna jaruri hai ....hahahahah ....
जवाब देंहटाएंसन्यासी बनने का आनन्द।
जवाब देंहटाएंbahut badiyaa joke.badhaai.
जवाब देंहटाएंहाहाहहाहा.. क्या बात है
जवाब देंहटाएंअब तो हर साधू को शक की नज़र से देख्ना पडेगा!!
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