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शुक्रवार, 10 जून 2011

एक्सीडेंट

खदेरन के अंतरंग मित्र रिझावन की ट्रक से टक्कर लग गई। स्कूटर तो चकनाचूर हुआ ही उसके भी कई अंग भंग हुए।

डॉक्टर उठावन सिंह के अस्पताल में उसका उपचार हुआ था। खदेरन उसे देखने पहुंचा।

सामने ही डॉक्टर उठावन सिंह मिल गए। खदेरन ने डॉक्टर से पूछा, “डॉक्टर सहाब मेरे दोस्त रिझावन का अब क्या हाल है?”

डॉक्टर उठावन सिंह ने बताया, “अब वो खतरे से बाहर हैं।”

सुनकर खदेरन को तसल्ली हुई। वो अपने दोस्त के वार्ड में पहुंचा। देखा दोस्त बड़ा सहमा और डरा हुआ है। उसने अपने दोस्त रिझावन से पूछा, “अब तो तुम खतरे से बिल्कुल बाहर हो, फिर भी इतना डरे और सहमे क्यों हो?”

रिझावन ने बताया, “जिस ट्रक से मेरा एक्सीडेंट हुआ था, उस पर लिखा था, … ‘ज़िन्दगी रही तो फिर मिलेंगे!’ … ”

9 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (11.06.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
    चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

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  2. बेचारा...जाने कब फिर मिल जाये...

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  3. ट्रक वाला फिर मिलने के रास्ते न पड़े तो भला.

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  4. आपका ब्लॉग पसंद आया....
    कभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-

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