हंसना ज़रूरी है, क्यूंकि …हंसने से पाचन तंत्र सुचारू रूप से चलता है। |
शादी के बाद बीतते दिनों के साथ फुलमतिया जी की बक-बक करने की आदत बढती ही गई। एक शब्द में अगर कहा जाए तो वह बड़ा ही बातूनी हो गई थी। एक बार वो बीमार पड़ गईं। खदेरन उन्हें डॉक्टर उठावन सिंह के पास इलाज़ के लिए ले गया।डॉक्टर उठावन सिंह ने उनकी नब्ज़ टटोली और कहा, “आपको कोई खास बीमारी नहीं है, आप बस आराम कीजिए, सब ठीक हो जाएगा।”डॉक्टर के इस परीक्षण से असंतुष्ट फुलमतिया जी ने पूछा, “लेकिन आपने तो मेरी ज़बान देखी ही नहीं?”डॉक्टर उठावन सिंह ने कहा, “उसे भी आराम की ज़रूरत है!” |
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रविवार, 1 अगस्त 2010
आराम की ज़रूरत है…!
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हाहाहाहाहाहा,,,,,डॉक्टर भी इसी मर्ज के सताए हुए होंगे। खदेरन ने तो दिल से दुआ दी होगी........हीहीहहीहीहीहीही
जवाब देंहटाएंha ha ha ha ...
जवाब देंहटाएंsachmuch ka Doctor tha na ..?
मज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा.....
ha ha ha ha ......
जवाब देंहटाएंवाह वाह।
जवाब देंहटाएंडाक़्टर बेचारा
जवाब देंहटाएंसही इलाज ..
ha ha ha ha ha......bechara doctor bhugtbhogi raha haoga .........
जवाब देंहटाएंहा..हाहा..
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मित्रता दिवस पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
मज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा.....
हाहाहाहाहाहा.......
जवाब देंहटाएंbehad unda kaha se lati hai itana hansi ka saman ha ha ha hi hi hi
जवाब देंहटाएंहा..हा..हा..
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