किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो,
अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।
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सोमवार, 30 अगस्त 2010
ग़लती हो गई!
हंसना ज़रूरी है, क्यूंकि …
:: हंसने से टी सेल्स की संख्या में वृद्धि होने से हृदय रोग की कम संभावना होती है।
ग़लती हो गई!
फाटक बाबू खाने के टेबुल पर बैठे थे। उनका नौकर बुहारन खाना परोस गया। खाने का रूप-रंग देखकर फाटक बाबू की त्योरियां चढ गई। उन्होंने बुहारन से पूछा, “आज तुमने रोटी में कुछ ज़्यादा ही घी नहीं लगा दिया है?”
बुहारन ने डायनिंग टेबुल का मुयायना किया और स्थिति को स्पषट करते हुए कहा, “ग़लती हो गई! मालिक! लगता है मैंने आपको अपनी रोटी दे दी!!”
जोरदार फट्टा ।
जवाब देंहटाएंनौकरों पर निर्भर रहने वालों को यही हाल होना है ..:):)
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंहा हा हा
जवाब देंहटाएंबताइये
जवाब देंहटाएंहा हा! देखो तो जरा..
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंहिंदी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है।
नौकरों पर निर्भर रहने वालों को यही हाल होना है ..:):
जवाब देंहटाएंBahut hi mazedaar....
जवाब देंहटाएंहा ... हा ..... हा ...... !
जवाब देंहटाएंbechara itana ghi nahi khayega to aap ki sewa kaise karega ha ha ha ha
जवाब देंहटाएंहा हा हा ।।
जवाब देंहटाएंहा...हा...हा...हा...हा...हा...
जवाब देंहटाएंहा-हा .. वैसे ये मालिक लोग रहे भी नहीं घी लगी रोटी खाने लायक
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा ! बड़ा ही मज़ेदार! आख़िर नौकर पर इतना निर्भर किया तो फिर क्या कहा जा सकता है!
जवाब देंहटाएंहा हा हा मजा आ गया .......
जवाब देंहटाएंकुछ लिखा है, शायद आपको पसंद आये --
(क्या आप को पता है की आपका अगला जन्म कहा होगा ?)
http://oshotheone.blogspot.com
हा हा ... बहुत खूब ..
जवाब देंहटाएंab aapki seva kari hai to ghee to khana padega na .......ha ha ha ha
जवाब देंहटाएंचलो किसी बहाने घी के बारे में पढ़ने को मिला वरना डॉ. परहेज़ानंद तो इसकी भनक भी कानों में न पड़ने दें.
जवाब देंहटाएंइसके भी टी सेल्स चेक कर लीजिएगा
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