प्यार से बोला … एक बार खदेरन कहीं जा रहा था। इतने में बम विस्फोट हुआ और अन्य लोगों के साथ वह भी घायल हो गया।
जांच करने वाले दारोगा दहारन सिंह ने घायल खदेरन से पूछा, “क्या जब तुम वहां खड़े थे तो बम तब फट गया था?”
खदेरन को गुस्सा आ गया। वह बोला, “नहीं, … बम चुपके से मेरे पास रेंगकर आया और बड़े प्यार से बोला, ठा …..!” |
हा हा!! अच्छा है दरोगा है, न्यूज चैनल वाले तो और भी जाने क्या क्या पूछते.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंराजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
हिन्दी ही ऐसी भाषा है जिसमें हमारे देश की सभी भाषाओं का समन्वय है।
रक्षाबंधन पर हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब लिखा है आपने!
हा..... हा..... हा...... हा..... !
जवाब देंहटाएंbade pyar se bola thhhaaaaaaaaaa:D
जवाब देंहटाएंha ha ha ha
बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंहा..... हा..... हा...... हा..... !
जवाब देंहटाएंहा हा!! अच्छा है दरोगा है!
जवाब देंहटाएंठा, ठा।
जवाब देंहटाएंठो...ठो...:-)
जवाब देंहटाएंha ha ha
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा बधाई
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा.....
हाहाहाहाहाहहा........दरोगा बाबू रिटायर होने के बाद न्यूज चैनल खोल लेगा
जवाब देंहटाएंहा हा हा ... इतने प्यार से बम बोलते कभी नहीं सुना ... बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंyeh hasya fuhaar na ho to, jeevan kaisa ho.
जवाब देंहटाएंpehli baar aapke blog par aayi hun.
khaderan phulmatiya aur bhagvaan se milkar accha laga.
Vah....kya javab hai!
जवाब देंहटाएंठा..हा..हा..हा..
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