किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो, अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।
हंसी कैलोरी बर्न करने में सहायक होती है।
खदेरन के दोस्त बुझावन ने उससे पूछा, “तुम नालायक को लायक़ बना सकते हो।”
खदेरन ने कहा, “बिल्कुल बना सकता हूं।”
बुझावन ने पूछा, “कैसे?”
खदेरन ने बताया, “नालायक से ना अक्षर हटा कर!”
हिन्दी का विद्यार्थी होगासही उपाय
वाह भई खदेरन तुम तो बुझावन से कहीं ज़यादा लायक निकले.
मज़ेदार!हा-हा-हा....
बहुत बढ़िया!यह तो लाल पेन से काला लिखना जैसा हुआ न!
बुझावन भी बुझ गए होंगे कि किसी लायक़ आदमी से पाला पड़ा है.
इत्ता सरल!! :)
अब हर एक के ना को हटाना है।
मज़ेदार!
As simple as that.... ha... ha... ha... ha... !!!
इतना आसान है नालायक को लायक बनाना ..हमें तो पता ही नहीं था ...!
ह ह हा।क्या करूँ? हंसी रूक ही नहीं रही।…………..स्टोनहेंज के रहस्यमय पत्थर।क्या यह एक मुश्किल पहेली है?
bujhavan ki pahali to badi aasani se bujha li ha ha ha
वाह बेटा जी आप तो बढे ना ....लायक निकले !
सबसे सस्ता सरल और टिकाऊ उपाय है ..हा हा हा
लायक क्या जी वो तो नायक भी बन सकते हैं अगर ला हटा दे तो..इसमें कौनो बड़ी बात नहीं है भाई.
बहुत अच्छी प्रस्तुति।राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
हिन्दी का विद्यार्थी होगा
जवाब देंहटाएंसही उपाय
वाह भई खदेरन तुम तो बुझावन से कहीं ज़यादा लायक निकले.
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा....
बहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएंयह तो लाल पेन से काला लिखना जैसा हुआ न!
बुझावन भी बुझ गए होंगे कि किसी लायक़ आदमी से पाला पड़ा है.
जवाब देंहटाएंइत्ता सरल!! :)
जवाब देंहटाएंअब हर एक के ना को हटाना है।
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंAs simple as that.... ha... ha... ha... ha... !!!
जवाब देंहटाएंइतना आसान है नालायक को लायक बनाना ..हमें तो पता ही नहीं था ...!
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जवाब देंहटाएंह ह हा।
क्या करूँ? हंसी रूक ही नहीं रही।
…………..
स्टोनहेंज के रहस्यमय पत्थर।
क्या यह एक मुश्किल पहेली है?
मज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा....
bujhavan ki pahali to badi aasani se bujha li ha ha ha
जवाब देंहटाएंवाह बेटा जी आप तो बढे ना ....लायक निकले !
जवाब देंहटाएंसबसे सस्ता सरल और टिकाऊ उपाय है ..हा हा हा
जवाब देंहटाएंलायक क्या जी वो तो नायक भी बन सकते हैं अगर ला हटा दे तो..इसमें कौनो बड़ी बात नहीं है भाई.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंराजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।