चुप, वरना … खदेरन बाज़ार से गुज़र रहा था तो उसने देखा कि एक फल वाला अंगूर बेच रहा है लेकिन बोल रहा है …. ”आलू ले लो आलू …” उसे यह सुन कर रहा नहीं गया और उसने उस फलवाले से पूछ ही लिया, “तुम तो भाई अंगूर बेच रहे हो तो फिर आलू ले लो आलू … क्यों बोल रहे हो?”
फलवाले ने खदेरन को समझाया, “चुप, वरना मक्खियां सुन लेंगी।” |
मजेदार ।
जवाब देंहटाएंsuper nice.
जवाब देंहटाएंअच्छा है।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति!
राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की शीघ्र उन्नति के लिए आवश्यक है।
मज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा......
बढिया है जी ।
जवाब देंहटाएंहा... हा... हा... हा.... !!!!
जवाब देंहटाएंअच्छा बेवकूफ बनाया मख्खियों को. :)
जवाब देंहटाएंbadhiya hai ji aadmi to bane banaye befakuf hai unko kya banana ha ha ha
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा हा
जवाब देंहटाएंहा हा ... लाजवाब ...
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंभ्रम तो दिलाना ही पड़ता है...जी ..हाहा
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा......
Bahut hi Mazedaar.....
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