हंसना ज़रूरी है क्यूंकि …हंसने से मस्तिस्क को ऑक्सीजन मिलता है। |
बुझावन के प्रश्न, बतावन का जवाब!-5बुझावान : ये बताइए कि कंप्यूटर और औरतों में क्या समानता है?बतावन : जिस गूढ भाषा में एक, दूसरी से बात करती हैं, वह अन्य किसी के लिए अबोध्य होती है।
बुझावान : हूं! अच्छा ये बताइए कि कंप्यूटर और पुरुषों में क्या समानता है?बतावन : आप जो कहते हैं, वो ये सुनते हैं, पर आपका जो तात्पर्य होता है, वह नहीं समझते। |
भई वाह..वाह. ऐसा विश्लेषण पहले नहीं देखा. मैं सोच में पड़ गया हूँ कि स्वयं को अब कौन सी श्रेणी में रख कर अपना बचाव करूँ.
जवाब देंहटाएंस्त्रियों की गूढ़ भाषा समझना इतना आसान थोड़े ना है ...
जवाब देंहटाएंपुरुष बेचारे कुछ का कुछ अर्थ लगा ले...ये उनकी गलती है ...
nice
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंहिन्दी भारत की आत्मा ही नहीं, धड़कन भी है। यह भारत के व्यापक भू-भाग में फैली शिष्ट और साहित्यिक भषा है।
हा हा और ही ही..
जवाब देंहटाएंश्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये
आदमी और औरत की सोच में भी कोई समानता दिखे तो बात बने !
जवाब देंहटाएंहा...हा.....हा......हा......... !
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहाहाहा....
आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को श्री कृष्ण जन्म की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंhttp://manojiofs.blogspot.com/2010/09/33.html
आंच (33) पर करण समस्तीपुरी की कविता “साँझ भई फिर जल गयी बाती”
hahahahahaha achcha hai aur sahi hai ..........
जवाब देंहटाएंHappy Janmashtmi :)
bilkul sahi ji
जवाब देंहटाएं:-)
जवाब देंहटाएंश्री कृष्ण जन्माष्ठमी की बहुत-बहुत बधाई, ढेरों शुभकामनाएं!
हा हा ....कंप्यूटर की गूढ़ भाषा तो फिर भी समझी जा सकती है..
जवाब देंहटाएंजन्माष्टमी की शुभकामनायें
बहुत अच्छा!
जवाब देंहटाएंश्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये!
हा हा ...
जवाब देंहटाएंहा हा ...
वाह।
जवाब देंहटाएंjanmaashtmi mubaarak ..
जवाब देंहटाएंaapko, fulmatiyaa ko, khaderan ko, bataawan/bujhaawan ko,
aur haan.....priy faatak baabu ko bhi...
:)
ha....ha....ha...
जवाब देंहटाएंbadiya..!
जवाब देंहटाएंwah ji.... chhha gaye..
जवाब देंहटाएंBahut hi badiya.
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