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मंगलवार, 28 सितंबर 2010

बिजली गुल हो गई।

खुलकर हंसने और हंसकर आस-पास का वातावरण प्रसन्न रखने वाले व्यक्ति का वृद्धत्व आने पर भी स्वास्थ्य व सौंदर्य बना रहता है।

कक्षा में अध्यापिका ने भगावन से पूछ, “भगावन! कल जो पाठ दिया गया था, उसे याद किया तुमने?”

भगावन ने कहा, “नहीं मैम!”

अध्यापिका ने गुस्से  में पूछा, “क्यों?”

भगावन ने बताया, “मैम! कल शाम में मैं जैसे ही पढने बैठा तो बिजली गुल हो गई।”

अध्यापिका ने पूछा, “तो क्या फिर लाइट आई ही नहीं?”

भगावन ने बताया, “आई मैम! पर इस डर से मैं पढने नहीं बैठा कि कहीं मेरी वजह से फिर बिजली न चली जाए।”

21 टिप्‍पणियां:

  1. वो भाई साहब अभी नहीं आए. चलो मैं ही लिख देता हूँ - 'Nice'

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  2. हाहाहाहाहाहाहाहहाहाहाहहाहाहहााहाहा
    कितना समझदार बच्चा है हमारे जैसा।हहीहीहीहीही बड़े होकर कुछ नहीं करेगा....।

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  3. कितना ख्याल रखता है बच्चा सबका.... :) उसे इनाम दिया जाये!

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  4. हा हा !! वैसे भगावन की बात में दम तो है !!!

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  5. इसको कहते हैं कॉनफिडेंस...बिजली से जादा भगावन को अपना आप पर भरोसा है!!

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  6. बिजली तो नहीं जाएगी बच्चू, पर तेरी डिगरी का पता नहीं ...

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  7. एक तो बेचारा सब का ख्याल रख रहा है और लोग उस पर हस रहे है बड़ी नाइंसाफी है

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  8. भाई हम भी कभी भगवान थे।
    मज़ेदार!
    हाहाहाहा

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  9. कितना ध्यान रखा सबका...दूसरों की भलाई के लिए पढ़ाई भी छोड़ दी

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