डिनर
एक दिन श्रीमान जी सुबह-सुबह डायनिंग टेबुल पर बैठे खा रहे थे। तभी बाहर से आवाज लगाते हुए फाटक बाबू घुसे, “सर जी कहां हैं? क्या कर रहे हैं?”
श्रीमान जी बोले, “डायनिंग रूम में हूँ। डिनर खा रहा हूँ।”
फाटक बाबू डायनिंग रूम तक पहुंच गये। श्रीमान जी को अचरज से देखते हुए बोले, “सर जी मौर्निन्ग टाइम ... ब्रेकफास्ट……. बोलिये ...! डिनर तो रात के खाने को कहते हैं।”
श्रीमान जी झल्लाते हुए बोले “इतनी अंग्रेजी मुझे भी आती है भाई। जब रात का बचा खाना सुबह नाश्ते में मिले तो उसे तो मैं तो यही कहूँगा ना कि डिनर खा रहा हूँ...!!!”
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अगर पसंद आया तो ठहाका लगाइगा
ha ha ha ha .............
जवाब देंहटाएंaaj badee prateeksha karaee aapne...........
हा हा हा हा हाहा हहा हा हा हा ...सचमुच आज बड़ा इंतज़ार करवाया.... आपने.... पढ़ कर मज़ा आ गया,,,,
जवाब देंहटाएंBEHTREEN MAJA AA GAYA
जवाब देंहटाएंHA HA HA HA HA HA.....
बिल्कुल सही पकड़ा है जी!
जवाब देंहटाएंधा हा हा हा सही बात है।
जवाब देंहटाएंअजी फ्रिज के कारण इतनी तो सुविधा है ही फिर बुरा क्यों मनाएं I
जवाब देंहटाएंthank god.......... !
जवाब देंहटाएंHum ne breakfast hee kiya !!!
ha....ha....ha.......ha..... !!!!
बिल्कुल सही !
जवाब देंहटाएंबेहद रोचक और मार्मिक व्यंग्य है।
जवाब देंहटाएंहंसूं ...?
हंस लेता हूं। डायनिंग टेबुल पर तो वही होता है जो आपने लिखा है।
हा-हा-हा-हा ...
:) bechaara !
जवाब देंहटाएंBhai hotels mein to aksar aisa hi hota hai .....
जवाब देंहटाएंha.. ha... ha ..
haaaaaaaaa
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंhe he he...
जवाब देंहटाएं:)
हा हा!!
जवाब देंहटाएंBechaara..!!!
जवाब देंहटाएंha ha ha ha ha ha ha ....
Mazedaar .Ha...Ha...Ha...
जवाब देंहटाएंबेचारे फाटक बाबू ...
जवाब देंहटाएंअच्छे चुटकुले ढूंढ कर लाती हैं आप और सुबह सुबह हंसाने का पुण्य कार्य आपको बहुत लाभ दे ...:):)
हा हा हा हा
जवाब देंहटाएंहमारे छत्तीसगढ़ में तो प्रायः हर सुबह डिनर लेते हैं क्योंकि यहाँ 'बासी' खाने का रिवाज है।
Bahut majedar...hi..hi..hi..
जवाब देंहटाएं__________________________
शब्द-शिखर पर इस बार काला-पानी कहे जाने वाले "सेलुलर जेल" की यात्रा करें और अपने भावों से परिचित भी कराएँ.