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चारा
नवविवाहिता श्रीमती खद्योत ने वैलेंटाइन डे पर पति द्वारा तोहफ़ा न दिये जाने से दुखी होकर श्रीमती खंजन से प्रश्न किया, “शादी के पहले हर वैलेंटाइन डे पर तोहफे लाकर देने वाला प्रेमी पति बनते ही तोहफे देना क्यों बंद कर देता है?”
श्रीमती खंजन ने उसकी शंका का समाधान किया, “मछली पकड़ने के बाद भी कोई चारा डालता है क्या?”
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अगर पसंद आया तो ठहाका लगाइगा
वाह -वाह उसे खा जाता है भून या तल कर हा हा
जवाब देंहटाएंये भग जोगिनी बहुत विचित्र भाव जगा गया मन में --इसे बदल देगीं क्या ?
वैसे तो भगवान् में भी भग है ! हा हा
तोहफ़े तो अब भी लाये जाते हैं पर नई मछलियों के लिये।
जवाब देंहटाएंहमे तो आपके पात्र बहुत अच्छे लगे।
यह तो मेरी कहानी है
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंMajedaar
जवाब देंहटाएंha ha ha ha ha ha .............
जवाब देंहटाएंमज़ेदार
जवाब देंहटाएंha ha ha ha ha hya ....
जवाब देंहटाएंहा हा! सही है!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सटीक लिखा है आपने!
जवाब देंहटाएंप्रेम दिवस की हार्दिक बधाई!
bikul thik kaha aapne....
जवाब देंहटाएंhahahahahah
ये सच है .... कोई नही डालता ...
जवाब देंहटाएंlagaya thahaka
जवाब देंहटाएंbikul thik kaha aapne....
जवाब देंहटाएंhahahahahahhahahahahahahahahahahhahahahaha
क्या ख़ूब कहा! हा-हा-हा-हा...
जवाब देंहटाएंh ha..
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जवाब देंहटाएंतो यह बात है ?
महिलाओं के चारा झटक लेने से ही
पुरुष शेष जीवन बेचारा ही बना रहता है..
एक नये तरह का ज्ञानोदय हुआ बालिके !
हमे क्या मालुम हम तो अकेले ठहरे...
जवाब देंहटाएंसत्य वचन !
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