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मंगलवार, 16 फ़रवरी 2010

दो रुपैय्या में इंटरनॅशनल लिट्टी चोखा

बेरोजगारी से तंग आ कर फाटक बाबू ने पटना जंक्शन पर लिट्टी-चोखा बेचना शुरू कर दिया। लेकिन यहाँ भी रोज नयी-नयी आफत। कभी पुलिस वाले को दो तो कभी ठेकेदार को तो कभी किसी और को। एक दिन भोजपुरी फिलिम के सुपरस्टार खदेरन महगाई के मारे ट्रेन से पटना पहुंचे। जंक्शन पर फाटक बाबू का गोल-गोल लिट्टी देख कर मुंह में पानी आ गया। रेट पूछा।
फाटक बाबू ने कहा, "दो रुपैय्ये पीस"।
खदेरन : "कम नहीं होगा ?"
फाटक बाबू : "नहीं भाई-साहेब ! एक पैसा कम नहीं होगा।
खदेरन : "ठीक है। दो लिट्टी दे दो !"
फाटक बाबू ने दो रूपये के दो सिक्के बटुआ में गिरा कर दो लिट्टी चोखा के साथ कागज़ पर बढ़ा दिया।
एक लिट्टी तोड़ते ही खदेरन बोल पड़ा : "ऐ भाई ! देखो, इस में मक्खी है !"
फाटक बाबू : "धुर्र मरदे ! इतना मंहगाई है.......... दो रुपैय्या में मक्खी नहीं तो हाथी लोगे क्या ?
हा.... हा.... हा..... हा.... हा.... हा...... !!!
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अगर पसंद आया तो दिल खोलकर ठहाका लगाइएगा।
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8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत पुराना, घिसा-पिटा जोक ।

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  2. बढ़िया....
    कोशिश करें कि ज़्यादातर अनसुने जोक्स को ही ब्लॉग पर डालें... ज्यादा पाठक मिलेंगे

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