वरमाला
श्रीमान और श्रीमती जी टी.वी पर रामायण सीरियल देख रहे थे। प्रसंग था सीता स्वयंवर का। श्रीरामजी ने धनुष तोड़ा। करतल ध्वनी हुई। सीताजी आई। रामजी का चरणस्पर्श किए। वरमाला पहनाई।
यह दृश्य देख श्रीमान जी को अपना वरमाला याद आ गए। शिकायत के लहजे में बोले, “तुमने तो वरमाला के पहले मेरे चरण नहीं छुए थे ….. ।”
श्रीमती जी कोई मौका चूकती थोड़े ही थी। बोली, “हां नहीं छूए थे ….. तो तुमने कौन सा धनुष तोड़ा था, और फिर यह जो सीरियल चल रहा है इसकी सीता जी को ये सब करने के लिए लाखों रूपये मिले हैं।”
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अगर पसंद आया तो ठहाका लगाइगा
ye bhi khub rahi :D
जवाब देंहटाएंha ha ha ha ha ..............
जवाब देंहटाएंहा हा..सही है!!
जवाब देंहटाएंha ha ha ha ......
जवाब देंहटाएंबात तो सही है
जवाब देंहटाएंबहुत खूब----पढ़ कर मजा आ गया। पूनम
जवाब देंहटाएंवाह!
जवाब देंहटाएंha ha ha ha......... !
जवाब देंहटाएंghuma phira kar baat paise par hi kyon khatam hoti hai!
जवाब देंहटाएंati uttam.
मज़ेदार! हा-हा-हा-हा....
जवाब देंहटाएंबात तो सच है ...
जवाब देंहटाएंसटीक जवाब
जवाब देंहटाएंमजेदार
ye hai aaj ki naari...
जवाब देंहटाएंbahut khoob...
हाहहाहा
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