डाक्टर उठावन सिंह ने जियावन की पूरी जांच करने के बाद कहा, “आपकी तबीयत अब बिल्कुल ठीक है। आप जा सकते हैं और हां, यह मेरी फीस का बिल, केवल तीस रूपए।”
जियावन के चेहरे पर मुर्दानगी छा गई और बोला, “तीस रूपए? डॉक्टर साहब, मेरे पास तीस रूपए नहीं हैं।”
डॉ. उठावन ने कहा, “अच्छा तो ऐसा करो तुम केवल दस रूपए दे दो।”
जियावन ने कहा, “साहब मेरे पास तो दस भी नही हैं?”
डॉ. उठावन ने समझौता करते हुए कहा,“तो पांच दे दो।”
जियावन बोला, “मेरे पास तो पांच भी नहीं हैं। मेरे पास कुछ भी नहीं है।”
डॉक्टर उठावन को क्रोध आया। गुस्से में बोला- “यदि तुम्हारे पास कुछ नहीं था तो मुझ जैसे बड़े और इतने महंगे डॉक्टर के पास क्यों आए?”
अब मरीज जियावन को भी क्रोध आ गया। बोला- “डॉक्टर साहब, मैं एक बात बता दूं। जब मेरे स्वास्थ्य की बात होती है तो मैं उसके सामने पैसों की बिल्कुल परवाह नहीं करता।”
हा हा हा हा जब मेरे स्वास्थ्य की बात होती है तो मैं उसके सामने पैसों की बिल्कुल परवाह नहीं करता!!!!!
जवाब देंहटाएं:) :) बढ़िया है ...
जवाब देंहटाएंसही है करना भी नहीं चाहिए |
जवाब देंहटाएंऐसे में तोअपनी सेहत के साथसाथ बटुये की भी सेहत ठीक रहती है!!
जवाब देंहटाएंहा हा! बहुत प्रिंसपल वाला बंदा है.
जवाब देंहटाएंबढ़िया है ... बढ़िया है ... बढ़िया है ...
जवाब देंहटाएंkash aisa ho pata...fir ham bhi apne health pe bahut dhayan dete..:P
जवाब देंहटाएंक्या बात है जियावन!!
जवाब देंहटाएंलगे रहो!!
मज़ेदार!
हा-हा-हा.....