किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो, अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।
बहुत दिनों से चित्र को लेकर कोई हास्य सृजन नहीं हुआ। तो इस बार “मैं और मेरा चित्र (कुत्ता)” पर कुछ लिखें।
मैमल्स.
जुडवाँ लगते हैं।
दोनो भाई - भाई है।
apne ur mein pata hoon main tere ur ka bhaas !
GAJAB
सेम टू सेम ...
आपके ब्लाग पर पहली बार आया। अच्छआ लगा। आभार।
कुम्भ के बिछड़े!
मिरर इमेज!
वाह जी वाह कुत्ता भी आदमी सा नजर आता है.यह सब संगत का ही तो परिणाम है.आपने तो ऐसी संगत नहीं की न .यदि संगत ही करनी है तो आइये मेरे ब्लॉग "मनसा वाचा कर्मणा " पर. आनंद आ जायेगा सच में . प्रणाम
कब के बिछड़े हुए हम किस रूप में आ के मिले |
यह फोटो तो डार्विन को देखनी चाहिए थी. विकासवाद का एक और चैप्टर लिख लेते.
बहुत बार समझाया भौंक-भौंक कर कि मेरे बिस्कुट और 'पेडिग्री' मत खाया कर........अब ले मजा
मैमल्स.
जवाब देंहटाएंजुडवाँ लगते हैं।
जवाब देंहटाएंदोनो भाई - भाई है।
जवाब देंहटाएंapne ur mein pata hoon main tere ur ka bhaas !
जवाब देंहटाएंGAJAB
जवाब देंहटाएंसेम टू सेम ...
जवाब देंहटाएंआपके ब्लाग पर पहली बार आया। अच्छआ लगा। आभार।
जवाब देंहटाएंकुम्भ के बिछड़े!
जवाब देंहटाएंमिरर इमेज!
जवाब देंहटाएंवाह जी वाह कुत्ता भी आदमी सा नजर आता है.यह सब संगत का ही तो परिणाम है.आपने तो ऐसी संगत नहीं की न .यदि संगत ही करनी है तो आइये मेरे ब्लॉग "मनसा वाचा कर्मणा " पर. आनंद आ जायेगा सच में . प्रणाम
जवाब देंहटाएंकब के बिछड़े हुए हम किस रूप में आ के मिले |
जवाब देंहटाएंयह फोटो तो डार्विन को देखनी चाहिए थी. विकासवाद का एक और चैप्टर लिख लेते.
जवाब देंहटाएंबहुत बार समझाया भौंक-भौंक कर कि मेरे बिस्कुट और 'पेडिग्री' मत खाया कर........अब ले मजा
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