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मंगलवार, 23 फ़रवरी 2010

कल रात नींद में

कल रात नींद में

श्रीमती जी : सुनो जी कल रात नींद में तुम मुझ पर काफी चिल्ला रहे थे।

श्रीमान जी : हूँ, चिल्ला रहा था ?

श्रीमती जी : हां। यहां तक कि गालियां भी दे रहे थे।

श्रीमान जी : यह तुम्हारी ग़लतफहमी है।

श्रीमती जी : कैसी ग़लतफहमी ?

श्रीमान जी : यही कि मैं नींद में था।

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अगर पसंद आया तो ठहाका लगाइगा

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18 टिप्‍पणियां:

  1. तुम्हारी ग़लतफ़हमी कि मैं नींद में था ...हा हा हा ....
    दाद देनी चाहिए उसके साहस को ....!!

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  2. हाहाहाहाहा हर बार कि तरह इस बार भी लाजवाब ।

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  3. ha ha ha ha ............
    badee himmat dikhadee sach kah kar...............

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  4. हाहाहाहाहा हर बार कि तरह इस बार भी लाजवाब ।
    hahahahahahahahahaah
    hahahahahahahaahahaaa

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  5. हा हा हा हा हा हा हा...क्या बात कही..... मज़ा आ गया....

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  6. वाह! खूब हिम्मत जुटाई सच बोलने की .
    हा हा हा ...........!

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  7. सविता जी, आदाब
    ये बहुत खूब रहा....मज़ा आ गया.

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  8. हा हा हा । मानना पड़ेगा श्रीमानजी की हिम्मत को । बहुत खूब ।

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