डॉक्टर की फीस उस दिन फाटक बाबू बड़े बेचैन से थे। घबराहट और बेचैनी की वजह से वो इधर-उधर घूम रहे थे। फाटक बाबू को परेशान हाल देख खदेरन ने उन्हें सलाह दिया (?!), “आप डॉक्टर को दिखा क्यों नहीं लेते?”
फाटक बाबू ने खदेरन की सलाह पर अमल करना ही उचित समझा और पहुँच गए डॉक्टर उठावन सिंह की क्लीनिक। डॉक्टर उठावन सिंह ने पूछा, “क्या हुआ है?”
फाटक बाबू ने बताया, “कुछ नहीं बस मामूली सा दर्द है।”
डॉक्टर उठावन सिंह ने निरीक्षण किया और घोषणा की, “आप तो मामूली दर्द बता रहे थे, लेकिन आपकी तो दिल की धड़कन भी बहुत बढी हुई है।”
फाटक बाबू बोले, “हां, जी, वो ओ आपकी फीस का बिल देख कर बढ़ी है।”
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बहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंहिंदी, नागरी और राष्ट्रीयता अन्योन्याश्रित हैं।
वाह
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहाहाहाहा....
bahut khoob.....
जवाब देंहटाएंsahi hai ha ha ha
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत बढ़िया! शानदार और मज़ेदार!
जवाब देंहटाएंkhub likhaa he doktr ne chotaa bil diyaa hoga isiliyen dhldkn bdh kr le gyi vrnaa puraa bil de detaa to shaayd arthi hi nikl jaati . akhtar khan akela kota rajsthan
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हा हा हा हा,
अपना डाइग्नोसिस खुद ही कर लिये फाटक बाबू!
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मजेदार रचना ....
जवाब देंहटाएंसही कहा डॉक्टर की फीस देखकर अच्छो - २ को नानी याद आ जाती है ...
जवाब देंहटाएंhttp://thodamuskurakardekho.blogspot.com/
वाह पढ़कर मजा आ गया-----।
जवाब देंहटाएंSahi hai.......
जवाब देंहटाएंये तो सच है ... हा हा मजेदार .....
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