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शनिवार, 5 फ़रवरी 2011

सुनो कहानी … एक था राजा …

भगावन को नींद नहीं आ रही थी।

उसने अपनी मां से कहा, “मां! मां!! … आज कोई कहानी सुनाओ ना …।”

फुलमतिया जी ने भगावन के सर पर हाथ फेरा और कहानी सुनाना शुरु किया, “एक था राजा …..!”

फुलमतिया जी के आगे कुछ बोलने के पहले ही भगावन ने बात काटते हुए कहा, “ओह मां! कोई और कहानी सुनाओ ना …… टू जी स्पेक्ट्रम घोटाले के बारे में मुझे सब पता है!!!”

13 टिप्‍पणियां:

  1. हमको भी पता है, अब रानी की कहानी सुनायी जाये।

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  2. और क्या! अब तो राजा की कहानी घिसी पिटी सी लगती है। शुभकामनायें

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  3. आज तो बहुत ही मजेदार रहा जोर दार ठहाका हा हा हा हा हो हो हो हो

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  4. हां, इन राजाओं की कहानी अब तो बच्चा बच्चा जानता है। कुछ फ़्रेश चाहिए भगावन को ....
    मज़ेदार!
    हा-हा-हा .......

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  5. मतलब अब बच्चे भी राजा से बोर हो गये!!

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  6. @प्रवीण जी- रजा की ही कहानी में एक रादिया नाम की रानी भी है....
    वैसे तो राजा की कहानी में हमेशा राजा की जीत होती है, लेकिन इस बार नहीं होनी चाहिए. वर्ना देश को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी...

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