फ़ॉलोअर

सोमवार, 30 अगस्त 2010

ग़लती हो गई!

हंसना ज़रूरी है, क्यूंकि …


:: हंसने से टी सेल्स की संख्या में वृद्धि होने से हृदय रोग की कम संभावना होती है।

ग़लती हो गई!


फाटक बाबू खाने के टेबुल पर बैठे थे। उनका नौकर बुहारन खाना परोस गया। खाने का रूप-रंग देखकर फाटक बाबू की त्योरियां चढ गई। उन्होंने बुहारन से पूछा, “आज तुमने रोटी में कुछ ज़्यादा ही घी नहीं लगा दिया है?”

बुहारन ने डायनिंग टेबुल का मुयायना किया और स्थिति को स्पषट करते हुए कहा, “ग़लती हो गई! मालिक! लगता है मैंने आपको अपनी रोटी दे दी!!”

21 टिप्‍पणियां:

  1. नौकरों पर निर्भर रहने वालों को यही हाल होना है ..:):)

    जवाब देंहटाएं
  2. नौकरों पर निर्भर रहने वालों को यही हाल होना है ..:):

    जवाब देंहटाएं
  3. bechara itana ghi nahi khayega to aap ki sewa kaise karega ha ha ha ha

    जवाब देंहटाएं
  4. हा-हा .. वैसे ये मालिक लोग रहे भी नहीं घी लगी रोटी खाने लायक

    जवाब देंहटाएं
  5. हा हा हा हा ! बड़ा ही मज़ेदार! आख़िर नौकर पर इतना निर्भर किया तो फिर क्या कहा जा सकता है!

    जवाब देंहटाएं
  6. हा हा हा मजा आ गया .......

    कुछ लिखा है, शायद आपको पसंद आये --
    (क्या आप को पता है की आपका अगला जन्म कहा होगा ?)
    http://oshotheone.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  7. ab aapki seva kari hai to ghee to khana padega na .......ha ha ha ha

    जवाब देंहटाएं
  8. चलो किसी बहाने घी के बारे में पढ़ने को मिला वरना डॉ. परहेज़ानंद तो इसकी भनक भी कानों में न पड़ने दें.

    जवाब देंहटाएं
  9. इसके भी टी सेल्स चेक कर लीजिएगा

    जवाब देंहटाएं