बुझावन के प्रश्न, बतावन का जवाब-9 |
बुझावान : ये बताइए कि दफ़्तरों में अपने कैरियर के प्रति सचेष्ट (CAREER MINDED) किस तरह के कर्मचारियों को कहा जाता है? बतावन : लोगों की पीठ में छूरा घोंपने (BACK STABBER) वाले को! |
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गुरुवार, 30 सितंबर 2010
बुझावन के प्रश्न, बतावन का जवाब-9
बुधवार, 29 सितंबर 2010
अहमियत
मंगलवार, 28 सितंबर 2010
बिजली गुल हो गई।
खुलकर हंसने और हंसकर आस-पास का वातावरण प्रसन्न रखने वाले व्यक्ति का वृद्धत्व आने पर भी स्वास्थ्य व सौंदर्य बना रहता है। |
कक्षा में अध्यापिका ने भगावन से पूछ, “भगावन! कल जो पाठ दिया गया था, उसे याद किया तुमने?” भगावन ने कहा, “नहीं मैम!” अध्यापिका ने गुस्से में पूछा, “क्यों?” भगावन ने बताया, “मैम! कल शाम में मैं जैसे ही पढने बैठा तो बिजली गुल हो गई।” अध्यापिका ने पूछा, “तो क्या फिर लाइट आई ही नहीं?” भगावन ने बताया, “आई मैम! पर इस डर से मैं पढने नहीं बैठा कि कहीं मेरी वजह से फिर बिजली न चली जाए।” |
रविवार, 26 सितंबर 2010
कंजूस-मक्खीचूस
कंजूस-मक्खीचूस |
सेठ मक्खीचंद मृत्युशैय्या पर थे. उन्होंने अपने बेटे करमकीट को बुला करा कहा, "बेटा अब मेरी जिन्दगी का कोई ठिकाना नहीं. यह पांच रूपये लो और झट से बाजार से एक माला ले आओ." सेठ मक्खीचंद, "अरे ! अगर मगर क्या ? फट से ले आ और मेरे गले में डाल कर एक फोटो ले ले.... वरना कहीं पहले मर गया तो हर साल एक माला चढ़ाना पड़ेगा... !!” |
शनिवार, 25 सितंबर 2010
डेट का पता
डेट का पता |
भगावन को उसके दोस्त जियावन ने बताया, “मेरे अंकल को उनके मरने से पहले मरने की डेट पता था।” भगावन को आश्चर्य हुआ! पूछा, “कैसे?”
जियावन ने बताया, “उन्हें यह डेट जज ने बताई थी।” |
शुक्रवार, 24 सितंबर 2010
आज सिर्फ़ एक चित्र…
गुरुवार, 23 सितंबर 2010
बुझावन के प्रश्न, बतावन का जवाब!-8
बुझावन के प्रश्न, बतावन का जवाब!-8 |
बुझावन : डॉक्टर अपने प्रेस्क्रिप्शन पर क्या लिखते हैं कि मरीज को कुछ समझ नहीं आता, पर दुकानदार समझ जाता है! बतावन : उसमें लिखा होता है, मैं तो इसे लूट चुका, अब तू भी लूट! |
बुधवार, 22 सितंबर 2010
तीन गो बुरबक! (थ्री इडियट्स!)
तीन गो बुरबक! (थ्री इडियट्स!) |
हमरे गांव में भी तीन गो बुरबक है। उ का है कि जब से एगो फ़िलिम का हिट हुआ गांव के पराइमरी ईसकूल के गुरुजी अपना नाम वीर सिंह से भायरस कर लिहिन हैं और उनका चेला रामचन्नर से नाम बदल कर रैन्चो रख लिहिस आ दूसरा त रजुआ था ही। त एक दिन किलास में भायरस गुरुजी पूछे, "जिस सभा में एगो लोग बोले और बांकी सब सुनें, उसे क्या कहते हैं, बोलो? त टप्प से रैंचोआ बोला, "सोकसभा!" भायरस गुरूजी परसन्न हुए और दोसरका प्रस्न दाग दिए, "आ ई बताओ कि जिस सभा में सब लोग बोले और कोई नहीं सुने, उसे का कहते हैं, बोलो-बोलो?” राजुआ मुंह खोले इसके पहिले रैंचोआ फेर टपका बोला, "लोकसभा!" |
मंगलवार, 21 सितंबर 2010
उपाय!
सोमवार, 20 सितंबर 2010
परवाह
परवाह |
फुलमतिया जी खदेरन में आए व्यवहार परिवर्तन से मन ही मन दुखी थीं। पर वो बोलने में संकोच कर रही थीं। उन्हें उसका रूखा-रूखा व्यवहार हरदम सालता रहता था। जब मामला हद से गुज़रने लगा तो एक दिन बोल ही पड़ीं, “क्या तुम मुझे प्यार करते हो?”
फुलमतिया जी उसके इस उत्तर से असंतुष्ट हो रूठे स्वर में बोलीं, “लेकिन तुम्हें तो मेरी कोई परवाह ही नहीं है।” खदेरन तपाक से बोला, “ओए जानेमन! प्यार करनेवाले किसी की परवाह नहीं करते!” |
रविवार, 19 सितंबर 2010
तेज़ आवाज़ में
शनिवार, 18 सितंबर 2010
इतनी दूर
इतनी दूर |
भगावन स्कूल में था। उसकी शिक्षिका ने कहा, “बच्चों कल सूरज पर एक लेक्चर होगा, तुम सबको ज़रूर आना होगा।” सारे बच्चे तो चुप रहे पर भगावन ने बड़े मासूमियत से जवाब दिया, “ मैडम! मैं नहीं आ सकूँगा। मेरी मम्मी मुझे इतनी दूर नहीं जाने देगी।” |
शुक्रवार, 17 सितंबर 2010
आज सिर्फ़ एक चित्र…
गुरुवार, 16 सितंबर 2010
बुझावन के प्रश्न, बतावन का जवाब!-7
हंसना ज़रूरी है, क्यूंकि …दिल खोलकर और ताली पीट्ते हुए हंसने से ब्लड सर्कुलेशन और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है। |
बुझावन के प्रश्न, बतावन का जवाब!-7बुझावन : अच्छा ये बताओ इंद्रधनुष और पुलिसवालों में क्या समानता होती है?बतावन : दोनों तूफान के गुज़रने के बाद ही नज़र आते हैं! |