किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो, अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।
श्रीमान जी “अजी सुनती हो !”
श्रीमती जी “क्या है?”
श्रीमान जी “मुझे 20 हजार की लौटरी निकली है ।”
श्रीमती जी “पहले ये बताओं बगैर मुझसे पूछे हुए तुमने लौटरी कब.. क्यूं, .. कैसे खरीद ली… ??? ”
हा -हा - हा--- सुन्दर।सादर श्यामल सुमन09955373288www.manoramsuman.blogspot.com
बताओ!! बड़ी बुरी हालत है.
हा-हा-हा-हा....
सही ही तो है...बिना पूछे कोई काम नहीं करना चाहिए ..:-)
ha ha ha ....
bilkul sahee.... ! kuchh bhee ho paariwaarik niyam to nahee todna chaahiye... !!!
itne dinon bad apko padha accha laga
bhut khub shabdar
ha ha ha ha ///// mast likha hai
आप तो जी बस लाजवाब हो....मियां की आखिर इतनी हिम्मत हुई कैसे कि बिना पूछे टिकट खरीद ली....गलती कर ली तो लो अब इतने पैसे जीतने के बाद भी पिटो...
आखिर हिम्मत कैसे हुईहद है
bhut khub ..........bhut khub
हा -हा - हा--- सुन्दर।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
बताओ!! बड़ी बुरी हालत है.
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा-हा....
जवाब देंहटाएंसही ही तो है...बिना पूछे कोई काम नहीं करना चाहिए ..:-)
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जवाब देंहटाएंbilkul sahee.... ! kuchh bhee ho paariwaarik niyam to nahee todna chaahiye... !!!
जवाब देंहटाएंitne dinon bad apko padha accha laga
जवाब देंहटाएंbhut khub
जवाब देंहटाएंshabdar
ha ha ha ha ///// mast likha hai
जवाब देंहटाएंआप तो जी बस लाजवाब हो....मियां की आखिर इतनी हिम्मत हुई कैसे कि बिना पूछे टिकट खरीद ली....गलती कर ली तो लो अब इतने पैसे जीतने के बाद भी पिटो...
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जवाब देंहटाएंहद है
bhut khub ..........bhut khub
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