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बुधवार, 26 मई 2010

कलियुगी द्रौपदी

मन व्याकुल हो रहा क्या होगा नाथ !
जुए में जब हारे पत्नी आई बेलन ले साथ !!
दुशासन बोला क्षमा करो हमको,
यह कलयुगी द्रौपदी हो मुबारक तुमको !
पत्नी बोली पीछा नहीं छोड़ूंगी भइए,
लौटाओ सब इनसे जीते हुए रुपइए !!
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अगर कलियुगी द्रौपदी पसंद आयी तो लगाइए ठहाका !
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9 टिप्‍पणियां:

  1. हा हा!! कलियुग में तो यही होगा. :)

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  2. हा हा!! अब ये पीछा न छोडेगी

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  3. बड़ा धाँसू आइडिया है जी, बधाई।

    ठहाका लगाते-लगाते मेरी कुण्डली-क्षमता जाग पड़ी है। इसी बात को मैं इस प्रकार कहना चाहूंगा। आपकी बात मेरे शब्दों में...

    हार गयी जब द्रौपदी दुर्योधन के हाथ।
    हमला करने चल पड़ी, लेकर बेलन साथ॥

    लेकर बेलन साथ, युधिष्ठिर को हड़काया।
    काला नैरोलेक मुँह उनके खूब लगाया॥

    दुर्योधन ने त्यागा चीरहरण का तुरत विचार।
    द्रुपद कुमारी के कर से लो जीत बन गयी हार॥

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  4. जय हो आज की नारी . इनकी ही जरुरत है जी......युधिष्ठर सिर्फ राज करें गद्दी पर बैठ कर बाकी सब द्रौपदी संभाल लेगी हीहीहीहीहीही

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