मन व्याकुल हो रहा क्या होगा नाथ !
जुए में जब हारे पत्नी आई बेलन ले साथ !!
दुशासन बोला क्षमा करो हमको,
यह कलयुगी द्रौपदी हो मुबारक तुमको !
पत्नी बोली पीछा नहीं छोड़ूंगी भइए,
लौटाओ सब इनसे जीते हुए रुपइए !!
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अगर कलियुगी द्रौपदी पसंद आयी तो लगाइए ठहाका !
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हा हा!! कलियुग में तो यही होगा. :)
जवाब देंहटाएंसही है
जवाब देंहटाएंहा हा हा
हा हा!! अब ये पीछा न छोडेगी
जवाब देंहटाएंbahut jordar hasya....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबड़ा धाँसू आइडिया है जी, बधाई।
जवाब देंहटाएंठहाका लगाते-लगाते मेरी कुण्डली-क्षमता जाग पड़ी है। इसी बात को मैं इस प्रकार कहना चाहूंगा। आपकी बात मेरे शब्दों में...
हार गयी जब द्रौपदी दुर्योधन के हाथ।
हमला करने चल पड़ी, लेकर बेलन साथ॥
लेकर बेलन साथ, युधिष्ठिर को हड़काया।
काला नैरोलेक मुँह उनके खूब लगाया॥
दुर्योधन ने त्यागा चीरहरण का तुरत विचार।
द्रुपद कुमारी के कर से लो जीत बन गयी हार॥
ha...ha...ha... !!! bahut khoob !!!!
जवाब देंहटाएंमज़ेदार। हा-हा-हा-हा.....
जवाब देंहटाएंजय हो आज की नारी . इनकी ही जरुरत है जी......युधिष्ठर सिर्फ राज करें गद्दी पर बैठ कर बाकी सब द्रौपदी संभाल लेगी हीहीहीहीहीही
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